23 AUG 2019 AT 13:34

बंसी सब सुर त्यागे है...
बस एक ही सुर में बाजे है,
हाल न पूँछों मोहन का...
सब कुछ राधे-राधे है।

बोलो राधे-राधे

- Verma ji(विद्रोही)