मंज़िल की ओर निकले हो? मेहनत,लकीर साथ रख लो.. अकेला न लगे कहीं सफर में, कुछ तस्वीर साथ रख लो.. रास्ता लंबा भी हो सकता है और कठिन भी, कठिनाइयों से हार न मान लो, अपना मन धीर साथ रख लो..
लगे हों लोग तुम्हें तिनके चुभाने में जब, तुम वृहद सा कोई वृक्ष क्यों नहीं हो जाते... घमंड करे वो अपने उल्का होने की अगर, तुम पूरा का पूरा अन्तरिक्ष क्यों नहीं हो जाते..