Adarsh Shah   (Adarsh Shah)
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Joined 30 June 2020


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27 JUL 2020 AT 10:58


Don't know how I got your profile
but
After seeing you bio and quotes

Mature girl with great sense of humour
I am not comparing anyone with anyone
This is for only appreciation

You are the female version of "CARRYMINATI"

I mean you have that kind of potential to be there where he is

Again I don't mean that you are copy of him or anything else please understand context 😅😂🙏

I think you are unique like him

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18 NOV 2020 AT 7:29

प्रतिभा नाम है आपका, प्रतिभा के हो धनी ।
पढ़ के आपकी कविता कभी होता हूं सीरियस तो कभी होता हूं फनी ।।

जितनी गहराई आपके लेखन में है उतना ही मासूम आपका दिल है ।
घने सुंदर बाल है आंखे मानो ज़ील है ।।

हमेशा हस्ते ओर हसाते सबको कभी किसी को ना कुछ बोला ।
चहेरे पे मुस्कान, आंखों में मासूमियत कभी दिल का रास्ता ना खोला ।।

पता है छोटा सा परिवार है, आप हो उसका दिल ओर रहेते हो खुशी से ।
धड़कन है आपके बच्चे, दिल ओर धड़कन के सपने हो पूरे यही दुआ है उसी से।।

आपके जीवन की किताब का में तो बस हूं एक पन्ना ।
आगे बढ़ोगे, कमियाब होंगे बस इस नाचीज़ को ना भूलो यहीं है मेरी तमन्ना ।।

सपना हो पूरा, छु लो आसमान की ऊंचायों को पाके नया मुकाम ।।
जैसे अभी हो वैसे हीं रेहेना ना आने देना घुमान ।।

ज़ज्बात तो बहुत है लेकिन शब्दों को हो रही है कमी ।
दिमाग से सोचता था अब दिल में भी है नमी ।।

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9 NOV 2020 AT 9:06

लड़के को कभी कोई तकलीफ़ नहीं होती,उससे कोई परेशानी नहीं होती यह सिर्फ भ्रम है ।
लड़के के साथ चाहे कुछ भी क्यों न हो जाय वह अपने अंदर ही उसे समेट के रखता है
क्यों की
उसने बचपन से यही सुना है मर्द को दर्द नहीं होता
इसलिए रो नहीं सकता
सोचता है मित्रों को बोलेगा तो हसेगे
परिवार वाले उसे समझेंगे नहीं
और तो और घर का बेटा होने के नाते परिवार ने जो उम्मीदें लगाईं है उसका बोझ उसे जीने नहीं देता
वर्तमान के जो पल को खुशी के साथ जीना चाहिएं वो भविष्य की चिंता में जीना भूल जाता है
कुछ लोगों बिखर जाते है कुछ निखर जाते है
सब को पता है कितने बिखरे है कितने निखरे है और उन सब से कहीं गुना ज्यादा उसी मोड़ पर है जो किसी भी और जा सकते है
(आगे में कहूंगा कि केसे प्यार में परिवर्तन आ गया है और परिवर्तन से प्यार कितने कर पाते है )

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7 NOV 2020 AT 7:54

जब एक छोटा सा लड़का जो ५ वी कक्षा में पढ़ता है उस ने एक दिन बाकी बच्चो को साइकिल चलाते हुए देखा और सीखने कि ज़िद करने लगा

जब उसके साइकिल मिली और उससे सीख रहा था ज़ाहिर सी बात है कभी कभी गिरेगा भी और चोट भी लगेगी
वो गिरा ,चोट लगी जब रोता हुआ अपने घर पर पहुंचा तो पापा ने एक ओर चाता मारा क्या लड़कियों की तरह रो रहा है मर्द बन मर्द ( क्या जो कभी रोए नहीं वो ही असली मर्द होता है ??)

बस तभी से उसके मन में यह बात बैठ गए की मर्द कभी रोते नहीं

(में भी मानता हूं कि रोना किसी भी समस्या का हल नहीं है लेकिन आप जब एक बार थोड़े समय के लिए रो लेते हो तो आपका मन ओर तन दोनों हल्का महेसूस करते है और फिर आप सोच सकते हो कि आगे क्या कब केसे करना है । हर समय रोते रहेना उचित नहीं है , लेकिन कभी आंसू ही ना निकले उतने कठोर भी नहीं बनना है ।)

(यह तो मात्र मेरे विचार है आप अपने विचार व्यक्त करे )

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6 NOV 2020 AT 8:30

कृपया यह कहानी एक आदमी के नजरिए से अपने आप के बारे में है

आज भी जब किसी शहर के किसी भी छोटे - बड़े अस्पताल में किसी लड़के का जन्म होता है तो लोग कहते है मुबारक हो लड़का आया है आप लोगो की ज़िंदगी बदलने आपके सपने पूरे करने

और परिवार वाले उसका जन्म अभी हुआ है लेकिन उससे उम्मीद लगाने लग ते है इसमें कुछ बुरा नहीं है लेकिन जब वो उम्मीद एक बोझ बनती है तो अच्छे से अच्छा इंसान टूट जाता है उसका भार सहन नहीं कर पाता

यह तो एक शुरुआत है आगे में आपको बताऊंगा कि कैसे एक बचपन जो की पढ़ने लिखने खेलने के लिए होता है वो बर्बाद हो जाता है

(यह सारी बाते सच्ची है किन्तु सभी लोगो पर लागू नहीं होती क्युकी समाज में अच्छाई और समजदारी भी बहुत है )

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5 NOV 2020 AT 16:57


एक मुलाकात इस कदर हो सारे गम हम भूल जाएं ।
एक मुलाकात इस कदर हो एक दूसरे में हम खो जाएं ।।

एक मुलाकात इस कदर हो सारी परेशानियां हवा हो जाएं ।
एक मुलाकात इस कदर हो ऊर्म भर साथ हो ना हो दिल से दिल के तार जोड़ जाएं ।।








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5 NOV 2020 AT 8:53

में यह जानता हूं और मानता भी हूं कि हमारे देश में ,हमारे समाज में औरतों पे बहुत समय से अत्याचार हो रहा है, और न जाने कब तक होता रहेगा ।
जब तक हम नहीं बदलेंगे , हमारी सोच नहीं बदलेगी तब तक बदलाव नहीं आएगा ।
यह एक कड़वी सच्चाई है
लेकिन
एक अनकही ,अनसुनी, अनदेखी सच्चाई यह भी है कि
पुरुषों पे भी उतना ही अत्याचार हो रहा है शायद पहले नहीं था या होगा लेकिन इस तेजी से बदलती दुनिया में हमारे देश में , हमारे समाज में आज भी कहीं जगह पे पुरुष पे भी होता है ।
उन पर शारीरिक नहीं मानसिक अत्याचार ज्यादा होता है ।
और वही बात में अपनी एक कहानी से प्रस्तुत करुगा जल्द ही कि किस तरह बाहर से खुश, तंदुरुस्त दिखने वाला आदमी अंदर से पूरी तरह टूट चुका होता है ।।

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27 OCT 2020 AT 5:41

मां तू है बड़ी प्यारी , खूब जमती है अपनी यारी ।
कोमल सा मन तेरा , आंखों में दिखती ममता तुम्हारी ।।

सब का ख्याल रखती हो , खुद को भूल जाती हो ।
दिल में कुछ नहीं रखती हो, जो सच है सामने बोल देती हो ।।

एक सच बोलता हूं , तुझ को ही रब मानता हूं ।
तुम्हारी खुशी में ही है मेरी खुशी, इकरार करने से कतराता हूं ।।

एक सपना है मेरा , पूरा करना है हर सपना तेरा ।
ममता भरा आंचल तेरा, सारी दुनिया की ख़ुशी करती जहां बसेरा।।

आज के स्वार्थी जमाने में तुम निस्वार्थ भाव कि मूर्ति हो ।
तुम्हारे जनमदिन पे भगवान करे तुम्हारी सारी इच्छा की पूर्ति हो ।।

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27 SEP 2020 AT 19:57

इंसान हो तो इंसानियत रखो
प्यार करते हो तो विश्वास रखो
जिस दिन हमने दोनों गवा दिये
अरबों लोगो के बीच अकेले रह गये

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25 SEP 2020 AT 23:12

Think Twice before you Speak
Because
Your words and influence
Will plant the seed of
Either success or failure
In the mind of other

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