18 NOV 2017 AT 13:23

पराये को देखने में, कोई 'अपना' छूट जाता है।
इश्क से नजर मिलते ही, 'दोस्त' रूठ जाता है।
चलता तो हूँ बहुत संभल कर हर बार फिर भी,
दिल 'कांच' का जो है मेरा, अक्सर टूट जाता है।

- Vihaan✍