Beware of friends
who trap you
and
get their work
done.
-Adamya Tripathi-
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दूर जाता देख उन्हें ये दिन महशर सा लग रहा ।
तुझसे मिलने की ख़ातिर ये वाइज़ भी जाग रहा ।।
तेरे कू-ए-यार के दर पर देखो कोई आहत हुई ।
हंगामा कर के आज फिर वो दहलीज से भाग रहा ।।
-अदम्य त्रिपाठी
- ناقابل تسخیر ترپاٹھی-
वो तुमको लूट कर जाने की बात करते हैं,
वो तुमसे रूठ कर जाने की बात करते हैं।
इश्क़ की बात है ध्यान रखना “अदम्य”,
वो तुमसे टूट कर जाने की बात करते हैं।।
-अदम्य त्रिपाठी “अदम्य”-
दर्द और शायरी में अन्तर क्या है,
उससे दूर जाने का मन्तर क्या है,
पहले उनको अब सपनों को है चुना हमने,
बताओं
उनमे और सपनों मे अन्तर क्या है
-अदम्य त्रिपाठी“अदम्य”-
मिलने जाना हैं उससे बताओं फूल हैं क्या,
चुभ रहा कुछ उसको बताओं शूल हैं क्या।
इश्क़ के पहले हफ्ते में दूर हो रहे हैं दोनों,
इश्क़ करना मेरा उससे बताओं भूल है क्या।।-
क्या शेर कहू, कौन सा उसे समझ आ रहा है,
मेरा यार हँस रहा और मुझसे दूर जा रहा है।
जो मोहब्बत की किताब लिखी थी मैंने उस पर,
रक़ीब पढ़ रहा है उसे और गुनगुना रहा है।।
क्या शेर कहू, कौन सा उसे समझ आ रहा है,
-अदम्य त्रिपाठी “अदम्य”-
चले अाओ हमारे सपनों में दबे पांव रात में
तुम्हारी फोटो को तकिए तले रखा करते हैं
आज़माना हो तो आज़मा कर देख लो हमें
हम तुमसे आज भी उतना ही प्यार किया करते हैं
आज भी उन पलों को याद किया करते हैं
तेरा इंतज़ार किया करते हैं...❤ ❤ ❤-
मेरी ज़िंदगी की महफ़िल, अब सजती है शाम को।
हर सुबह शाम रटता हूँ हाँ मैं तेरे नाम को ।।
गिरना उठना,भागना रुकना तो लगा रहता है।
सुकून मिलता है जब पुकारा मैंने राम तेरे नाम को।।
-अदम्य त्रिपाठी-
कौन कहता है मुहब्बत जज़्बातों से बयाँ होती है
ये हक़ीक़त है सुन लो निगाहों से बयाँ होती है
वो वस्ल की रात मे सताते है हम को
कौन समझाए के इससे लोगों में दूरियां और जवाँ होती है
-अदम्य त्रिपाठी-