Okay, bye
Take care...-
हर एक पौधे को लगाते वक्त मैं उसे कहतीं हूं
"तुम डरों मत, तुम बहुत खुबसूरती की जी पाओगे, बढ़ो गे।"
रोज़ उन्हें जब मैं फ़िर मिलने जातीं हूं, बातें करने जाती हूं, तब भी कहतीं हूं, तुम बहुत सुंदर लग रहे हो, और तुम ऐसे ही बढ़ोगे।
अगर हमें ऐसा कोई कहने वाला हो तो, अच्छी बात होगी, अगर कोई नहीं है, और हम ख़ुद को हर रोज़ ये बात कहें, तो इससे सौभाग्यशाली बात और क्या होगी।-
ज़िन्दगी न जीने की बहाने कै मिलते होंगे,
जीने की एक बजह ढूंढ लेना, काफ़ी है।
किस्तों में यहां हर दिन इंसान मरता है मेरी ख़ुशी,
तुम्हें बस अपनी ज़ख़्म आखिरी लगती है।
यूं नाइंसाफी ठीक है क्या! यूं सांसो से बैमानी
क्या तुम्हें रास आती है?
ज़िंदा लास बनकर ही अगर जीवन को ढोने है,
तो क्यों न ज़िन्दगी बनकर जीया जाएं!
मेरी बातें किताबी लगती होगी न तुम्हें!
चलों ये बात मान लेते हैं।
बस एक गुज़ारिश है तुम से मेरी ज़िन्दगी!
बस अपनी कहानी लिखों, जो की न सच्च लगें।-
मैं पंख दे रही हूं तुम्हें,
तुम गिरने से डरना मत।
डर लगता है, तो भी कुछ नहीं,
बस! उड़ने की कोशिश
छोड़ना मत।-
ये ख़त तुम्हारे लिए है...
शब्दों में पिरो कर मुस्कुराहट भेज रहीं हूं।
बारिश की बुंदों हैं कुछ, तुम्हें सुकून भेज रहीं हूं।
पंछियों के चहचहाहट में, एक सुंदर सुबह भेज रहीं हूं।
चम्पा की ख़ुशबू में डुबोकर मेरा प्यार भेज रहीं हूं।-
कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं, जहां ज़िन्दगी की हर रंग मिल जाती है।
बदले में कुछ मांगते तो नहीं, एक निःशब्द साथ दे जाती है।
क्या नाम दें उसे! कोई तर्क काम ही नहीं आते!
बस साथ चलना अच्छा लगता है, सुकून दे जाती है।-
ख्वाबों को चुपके से।
माथे पर हाथ फेरते हुए,
लोरी कोई सुनाती है।
चूम कर माथे पर,
अरमानों को जगाते हैं,
कुछ बिछड़े, कुछ टुटे यादों को
प्यार से सहलाती है।
ज़िंदा वो जो ख्वाब हो कोई,
जादू से चमकाती हैं, सोएं हूए सपनों को
जादूई पंख दे जाती है।-
हसरतें सारी पुरी नहीं हूआ करती,
शायद यह अच्छा भी है!
नहीं तो ज़िन्दगी, ज़िन्दगी कम,
जहन्नम ज़्यादा बन जाती।-