मैं तुझे याद हूं, ये उम्मीद भी नही रखता।
मगर तुम याद हो, ये याद रखना।।
-
कहने को बस एक ज़र्रा सा हूं
खुद में ही मैं खुदा सा हूं|
#abshar
मैं तुझे याद हूं, ये उम्मीद भी नही रखता।
मगर तुम याद हो, ये याद रखना।।
-
पता नही ये वक्त साथ नही दे रहा,
या क़िस्मत बेवफा हो गई हैं।
अब मत आजमाना मैं टूट चुका हूं।-
मैं उस शख्स की शख्सियत का तारीफ करता रहा।
वो आज मेरा न हुआ मेरे करीब होकर।।-
ना जन्नत मिली, ना वो मिली।
ना जन्नत मिली, ना वो मिली।
शायद मैं वो बदनसीब हूं जिससे
मौत भी सही से ना मिली।।-
बहुत खुशनसीब हैं वो जिनको वफ़ा के बदले वफ़ा मिली।
हम तो ना ही सही, मगर वो खुशनसीब हैं किसी और के साथ।।— % &-
मौसम सुहाना हैं ये पता मुझे गैरों से चला।
क्योंकि तेरे इश्क में जो डूबे थे।।-