हमने क़तरा न देखा, ना कभी दरिया पे गौर कियाजहां उनकी अक्श नज़र आई, बस वहीं पे डूब गए। -
हमने क़तरा न देखा, ना कभी दरिया पे गौर कियाजहां उनकी अक्श नज़र आई, बस वहीं पे डूब गए।
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बारिश की इन नन्ही बूंदो की मानिंद तेरी रुखसार पे जो पनाह मिल जाए, रब्बे ज़लाल की कसम, पल भर के लिए ही सही सारी कायनात मिल जाए। -
बारिश की इन नन्ही बूंदो की मानिंद तेरी रुखसार पे जो पनाह मिल जाए, रब्बे ज़लाल की कसम, पल भर के लिए ही सही सारी कायनात मिल जाए।
एक एहसास ही काफी है उनका, इश्क़ में गिरफ्तार करने कोएक नज़र प्यार से देख लीजिये, तैयार हैं हम बर्बाद होने को I -
एक एहसास ही काफी है उनका, इश्क़ में गिरफ्तार करने कोएक नज़र प्यार से देख लीजिये, तैयार हैं हम बर्बाद होने को I
तेरी आगोश में गर जो कुछ पल बीत जाए,एक लम्हे में ही फिर सारी उम्र गुज़र जाए I -
तेरी आगोश में गर जो कुछ पल बीत जाए,एक लम्हे में ही फिर सारी उम्र गुज़र जाए I
मैं तुमसे कैसे कहूं ऐ मेहरबां मेरे,के तू इलाज़ है मेरी हर उदासी का। -
मैं तुमसे कैसे कहूं ऐ मेहरबां मेरे,के तू इलाज़ है मेरी हर उदासी का।
तस्वीर में, तस्व्वर मेंख्वाबों में, खयालों मेंमेरी बेताब नज़रों नेजिधर देखा सिर्फ तुम्हें देखा -
तस्वीर में, तस्व्वर मेंख्वाबों में, खयालों मेंमेरी बेताब नज़रों नेजिधर देखा सिर्फ तुम्हें देखा
ख़त्म कर दी मोहब्बत की दास्तां तुम परनाम लिखा जब तुम्हारा अपने दिल पर ।तोड़ दिया क़लम आशिक़ी कीतुम बन गए आखरी मोहब्बत दिल की । -
ख़त्म कर दी मोहब्बत की दास्तां तुम परनाम लिखा जब तुम्हारा अपने दिल पर ।तोड़ दिया क़लम आशिक़ी कीतुम बन गए आखरी मोहब्बत दिल की ।
अपनी सांसों के दामन में छुपा लो मुझको,तुम्हारी रूह में उतर जाने को जी चाहता है। -
अपनी सांसों के दामन में छुपा लो मुझको,तुम्हारी रूह में उतर जाने को जी चाहता है।
उनकी मर्ज़ी को अपना नसीब बना लिया हमनेहस्त ए लकीर सारी ख़ुद से मिटा लिया हमने,चलो अब दरिया की तलचटो में सकूं तलाशेंसाहिलो पे अब तलक बहोत घरोंदे बना लिया हमने। -
उनकी मर्ज़ी को अपना नसीब बना लिया हमनेहस्त ए लकीर सारी ख़ुद से मिटा लिया हमने,चलो अब दरिया की तलचटो में सकूं तलाशेंसाहिलो पे अब तलक बहोत घरोंदे बना लिया हमने।
रास्ते अगर जुदा हुए तो कोई ग़म नहींहम आगे को फिर भी बढ़ते जाएंगेमुकद्दर में गर हुआ कहीं मिलनाये रास्ते खुद ब खुद टकराएंगे -
रास्ते अगर जुदा हुए तो कोई ग़म नहींहम आगे को फिर भी बढ़ते जाएंगेमुकद्दर में गर हुआ कहीं मिलनाये रास्ते खुद ब खुद टकराएंगे