एक मुद्दत से उसका चेहरा भुलाने की कोशिश में था,
कामयाब होने ही वाला था कि उसने DP बदल दी।
और मैं इस बार भी पिघल गया❤️-
ये अश्रुपूरित चक्षु क्यों है,क्यों निराश है तुम्हारा ये मन।
भले चंद्रमा रह गया हो, अभी तो पाने को है पूरा गगन।
मायूस न हो ये सोचकर कि, ये मिशन पूरा हुआ नही।
तुम गिरे उस पथ पे हो, जिस पथ पर कोई चला नही।
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एक अरसे से उसकी चिट्ठियां नहीं आयी।
दिल की फुलवारी में तितलियाँ नहीं आयी।
मेरा उससे कुछ भी राब्ता नही है अब शायद,
मैंने याद किया और उसे हिचकियाँ नहीं आयी।
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आँखों पे चोट और चेहरे पर मुस्कान लिए।
हाथ में प्याला और दिल में हिंदुस्तान लिए।
सांपों के बीच घिरा है जैसे कोई चंदन है।
इस मिट्टी का वीर सपूत वो "अभिनंदन" है।
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इस तरह भी हम मरीज़ को दवा देते हैं।
बाहर बैठे-बैठे सारा समय गवां देते हैं।
#gynaec_opd #male_intern 😂😂
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'वो हैं ' और 'वो थे ' इनके बीच का जो फ़र्क होता है,
ये 'तन्हाईयाँ ' वही बयाँ कर रही हैं।-
हाथों में लेकर हाथ, वो चल दिये थे चार कदम साथ।
मेरा नया साल तो मानो, पिछली मई में आ गया था।
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ज़ख्म तो भर गए, अब निशान बाकी है।
हमारे हौसलों में अब भी जान बाकी है।
गोली,बारूद,बंदूक से डरानेवालों, सुन लो
हमारे रगों में अब भी हिंदुस्तान बाकी है।
26/11 की बरसी पर शत-शत नमन🙏💐-
मेरी साँसें भी उसकी साँसों पे गिरवी होगी।
उसकी धड़कनों में क़ैद मेरी ज़िन्दगी होगी।
कई दरिया निकले है ज़द से, प्यासा हूँ फिर भी।
मेरे लबों को शायद तेरे लबों की तिश्नगी होगी।
लगेंगे इल्ज़ामात उल्फत और बेवफ़ाई के, मुझ पर भी।
इश्क़ की कचहरी में हमारी भी पैरवी होगी।
मैंने उसके अंदर देखें हैं दैर-ओ-हरम सारे।
जो मेहबूब को रब कर दे, ऐसी अपनी बन्दगी होगी।
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मुझे मोहब्बत है.....
उसके चेहरे की मुस्कान से, भावों की अभिव्यक्ति से,
उसकी हर अदा नादान से, सच्चाई की शक्ति से,
उसके माथे की बिंदिया से, जीवन-मरण की मुक्ति से,
नैनों में खोयी निंदिया से, परमात्मा की भक्ति से।
होठों की सूर्ख लाली से, जैसे,
आंखें कजरारी काली से,
कानों में पहनी बाली से, शिव को था सती से,
नज़रों की पैनी कटारी से। काम को था रति से,
सीता को था राम से,
उसके कंगन की खनक से, मीरा को था श्याम से,
उसके पायल की झनक से,
उससे मिलने की ललक से, वैसे ही,
दिल में बढ़ती हुई धड़क से।
मुझे तुमसे मोहब्बत है।
हाँ, मुझे मोहब्बत है।
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