धन्य है काशी विश्वनाथ , बसे गंगा के घाट,पर बड़भागी तुम क्षिप्रा , छुआ महाकाल ललाट ।।अभिषेक नागर - अभिषेक नागर
धन्य है काशी विश्वनाथ , बसे गंगा के घाट,पर बड़भागी तुम क्षिप्रा , छुआ महाकाल ललाट ।।अभिषेक नागर
- अभिषेक नागर