Like A statement without words..!!-
कुछ तो कमी हैं,
मेरे क़िरदार में अभिषेक ,
वरना बेवजह कोई दूरियां नहीं करता ...!!
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"स्याही "
मन में शांत तेज प्रवाह लिए ,
स्याही सा श्याम मुखड़ा मेरा ,
श्याम रंग देख , सबने हैं नकारा , अंतरमन को क्या हैं ,किसी ने देखा ??
रूप , श्रृंगार , शोहरत को हैं जग ने अपनाया , स्नेह से भरा हृदय , कोमल सा मन भला किसको हैं भाया ??
चेहरा मुस्कुराता हुआ , दिखा उनको , उस चेहरे के पीछे का दर्द भला किसने देखा ??
स्याही से काम निकालते सभी ,
पर क्या कोई अपने कपड़े पर गिरना करता हैं पसंद ??
स्याही का दुर्भाग्य यही हैं मेरे दोस्त , कि को अपनी दास्तां लिखता जरूर हैं, मगर श्याम रंग होने की वजह से कोई समझ नहीं पाता ....!!
एक स्याही की अधूरी दास्तां .......
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आहत हुई हैं मेरी भी यादें गैर रंगों से,
अब इल्म हैं, कौन सा रंग अपना हैं।।
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भरोसा आधार हैं, किसी भी रिश्ते का ,
भरोसा आधार हैं प्रेम का संबध का ,
भरोसा आधार हैं व्यापार का , संसार का ...!!!-
मासूम चेहरों से बच के रहना "अभिषेक "
इनके दिए घाव बहुत दर्द देते हैं....!!
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खूबसूरत आखों पे अब भरोशा मत करना " अभिषेक "
पलक झपकते ही सबकुछ लूट लेते हैं लोग ....!!
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