जिंदगी की परेशानी को भूल
परिवार संग खुशी मनाते है
खुशियों से दूर वो हर कदम पर
अपनी जिम्मेदारियों को निभाते है
एक पिता ही है जो अपनी खुशियों को त्याग
अपनी बच्चों की मुस्कान में हर पल जीते जाते है
-
अकेलापन.......
शब्दों में बयां नहीं किया जाता है
बल्कि महसूस किया जा सकता है
खुद से बातें और खुद में उलझे रहते है
अक्सर रिश्तों से दूर अपनों के बीच भी
अकेलेपन में हम खोए रहते है-
शांत देख मुझे वो मेरी शख्सियत भूल गए
कभी आंखों के जो नूर हुआ करते थे
आज मेरी आंसू के बूंद देख मंद मंद मुस्कुराते है।-
मेरे इश्क को वो समझ न सके
बेवफा कहते है वो मुझे जहां में
और वो अजनबी बन मेरी चाहत से
जाने कितने जख्म मेरे दिलों में वो छोड़ गए-
मोहब्बत में मरने को सब तैयार बैठे है
हाथों में हाथ थाम कही दूर बैठे है
भूल जाते है अपने मां बाप के सपने पर
बेवफाई में मरने को सब तैयार बैठे है-
खामोशियों की मेरी समझ वो भी सकते थे
पर गैरों को अपना समझ वो
सालों की यारी वो भुला बैठे थे।-
लाइलाज होती है ये इश्क की बीमारी
सफल हो जाए तो खुशनसीबी और
असफल हो तो मौत कतरा कतरा कर मारती है।-
खबर तक नही मिली उन्हें मेरे सासों की
मेरी तकलीफों को मेरी मुस्कुराहट
में ढूंढते फिरते है।-
यूं ही छुप छुप कर मुझे देखा न करो
मोहब्बत है मुझसे तो इजहार भी किया करो
कब तक दिल में छुपाते चलोगी मेरी तस्वीर को
कभी तो लोगो में मुझे अपना तो बताया करो।-
चिर कर छाती तेरी अब
अपना धर्म तुम्हे बताएंगे
भारतीयों के हर शौर्य की गाथा
अब लाहौर में भी सुनाएंगे
🇮🇳🇮🇳 जय हिंद 🇮🇳🇮🇳-