खोए है यादों में तेरे
यादों से क्यों दूर ना जाती हो
तड़पाती हो रातों को यादों में आ कर
आंखों को बहुत सताती हो
धड़कन थक जाती है अब मेरी
जब तेरी तस्वीर यादों में आती है
रूठ जाती है आंखे भी अब
यादों में तेरी आंसू बहाती है।
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वक्त बे वक्त क्यों याद आते हो
इतना क्यों तड़पाते हो
मोहब्बत तो ठुकरा दी तुमने
फिर हर वक्त क्यों याद आते हो
तन्हा यूंही तो छोड़ गया
दिल को मेरे तोड़ गए
वक्त बे वक्त क्यों याद आते हो
इतना क्यों तड़पाते हो।-
वक्त बे वक्त मुझे तरपाते हो
मोहब्बत करते हो या
लम्हा लम्हा मौत से मिलवाते हो-
दुनिया कहती है मोहब्बत
हैसियत देख कर नही की जाती
पर दुनिया ये भूल जाती है की
मोहब्बत की शुरुआत ही
अब हैसियत से होती है।-
जिंदगी में खेल सारे खेल लेना
पर किसी की भावनाओं
और प्यार के साथ ना खेलना-
मौसम में अब वो बात नही
हाथों में अब तेरा हाथ नही
भटक रहा हूं राहों में तन्हा
बारिश में भीग छुपा लेता हूं
तेरी यादों को आंखों में
जिस मोहब्बत को सलामत रखा
वर्षों तेरी ही यादों में।
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मुझे हर उस शख्स की दुआ लगी
जिन्होंने कभी ये कहां था
वो मोहब्बत कभी तेरी नही हो सकती-
जिस्म की आग बुझाने को
वो इश्क को बदनाम कर जाते है
होते है इश्क में सच्चे जो
वो यादों में आंसू बहाते है
करते है बदनाम इश्क को जो
वो बस जिस्म की प्यास बुझाते है।-
नदियों की दो धारा जैसे मिले एक दूजे से
कुछ लम्हों का साथ मिला उनका और फिर
अनजान किनारों की और बिछड़ गए-