शामली शाम सी थी
इत्मिनान हम कर बैठे
पहलू में बैठे उसके
अपना हर किस्सा नाम कर बैठे-
आज एक अजीब सा साया है
कहीं धूप तो कहीं छाया है
कुछ मुसीबत से लड़ रहे हैं
तो कुछ मुसीबत से लड़ने वालों से...
-
एक नई मौत आयी है
एक नई वफ़ा लायी है
सांस लेने पर भी बंदिशें लगाई हैं
आश नहीं छोड़नी है
मरते दम तक...
बाजार में इश्क़ के टक्कर की
नई चीज़ आयी है...-
साँस भी आ जायेगी
जान भी मिल जाएगी
बाहर निकले इस lockdown में
तो बात जान पर आ जायेगी🤣-
न गलती उसने की
न तुमने जानी है
ये धर्म है भाई साहब
यहाँ सबको पहले अपनी ही बतानी है-
वो भी क्या नज़ारा होगा
Lockdown के बाद ये शहर फिर से हमारा होगा😅-
कैसा था कल और
आज कैसा है
जिस ख़ामोशी में थे हम
आज भी आगोश वैसा है..-
Kon hai jisme kami
nhi hoti
Aasmaan ke pass bhi
jameen nhi hoti-
मैं अपनी feeling इतने अच्छे से छुपाता हूँ
खुद रोकर भी औरो को हंसाता हूँ..🤗-
Stress us chiz ka lo
Jo tumhare hath me hai or ho nhi rha
Jiska tum kuch kr nhi skte uske bare me bhi sockr kuch nhi hoga..
Padai kr skte ho. Kro.
Confirmation milna hoga
Apne aap mil jayega..-