जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता
ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना हामी भर लेना
बहुत हैं फ़ाएदे इस में मगर अच्छा नहीं लगता
मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है
किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता
बुलंदी पर उन्हें मिट्टी की ख़ुश्बू तक नहीं आती
ये वो शाख़ें हैं जिन को अब शजर अच्छा नहीं लगता
ये क्यूँ बाक़ी रहे आतिश-ज़नो ये भी जला डालो
कि सब बे-घर हों और मेरा हो घर अच्छा नहीं लगता-
Abhishek Vaishnav
(अभिषेक)
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विचार व्यतिगत है|
Joined 3 May 2020
9 OCT 2022 AT 16:45
6 JAN 2022 AT 7:57
जिन्हें संगीत से प्रेम होता है ,
वह गीतों में अपनी कहानी खोजते हैं।-
5 JAN 2022 AT 7:32
अपने लफ्जो के लहजों को सही उपयोग जरूरी है,
क्योंकि यही आपके जीवन का आधार है।-
4 JAN 2021 AT 19:32
वो ख़ुशी ही क्या जहां दोस्तों के साथ जाम ना हो
बाज़ार ही क्यों जाना जब कोई काम ना हो😹-
3 OCT 2020 AT 8:43
हमारी राहो में यूं तकरार हो जाय
तुम मुस्करा दो
ओर हमे प्यार हो जाय|-