आओ ले चलें इश्क को वहाँ तक,जहाँ फिर से कोई कहानी बने!जहाँ फिर कोई गालिब नज्म़ पढे ,फिर कोई मीरा दिवानी बने !! - Abhishek Tiwari (मुंतज़िर)
आओ ले चलें इश्क को वहाँ तक,जहाँ फिर से कोई कहानी बने!जहाँ फिर कोई गालिब नज्म़ पढे ,फिर कोई मीरा दिवानी बने !!
- Abhishek Tiwari (मुंतज़िर)