20 MAR 2018 AT 17:44

आओ ले चलें इश्क को वहाँ तक,
जहाँ फिर से कोई कहानी बने!
जहाँ फिर कोई गालिब नज्म़ पढे ,
फिर कोई मीरा दिवानी बने !!

- Abhishek Tiwari (मुंतज़िर)