ज़माने में हॅंसने के लाख बहाने हैं मेरे लिए मगर
शामों में उदासियां बांटने को तेरा साथ नहीं है-
Abhishek Tiwari
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खुद को ऐसे तराशा करें हम
अपने ग़म का तमाशा करें हम
तुम्हारे दिल को हल्का कर दें
तुमको थोड़ा र... read more
अपने ग़म का तमाशा करें हम
तुम्हारे दिल को हल्का कर दें
तुमको थोड़ा र... read more
Joined 26 October 2016
24 MAY 2022 AT 0:40
24 DEC 2020 AT 23:39
हम दिल के थोड़े कच्चे हैं, कच्चे ही रहेंगे
हम नब्बे के बच्चे हैं, बच्चे ही रहेंगे-
17 OCT 2020 AT 1:14
दिन में चैन नहीं आता रातों में नींद नहीं आती
इंसाफ़ अना से करना बहोत भारी पड़ता है-
26 SEP 2020 AT 21:15
इतनी सी ज़बान है क्या क्या बताएगी
कितने ही ख़त हैं, बस लिखकर रखे हुए हैं-
26 SEP 2020 AT 11:38
जिन आंखों से बह जाती है तेरी तस्वीरें
उन आंखों से क्यों एतबार नहीं बहता-