Abhishek Singh   (Sagar)
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Joined 9 July 2018


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22 APR AT 8:35

मुझे वहाँ से पढ़िए, जहाँ से ख़ामोश हूँ मैं,
ये हँसना-हँसाना तो बस एक हुनर है मेरा।
जो लफ्ज़ कह नहीं सके, वो आँखों ने लिखे,
हर मुस्कान के पीछे एक मंजर है मेरा।

लोग चेहरा पढ़ते हैं, जज़्बात नहीं,
हर सवाल का जवाब, अल्फ़ाज़ नहीं।
मैं जो दिखता हूँ, वो मैं नहीं,
मेरी ख़ामोशी में ही मेरी आवाज़ सही।

मुझे वहाँ से समझिए, जहाँ मैं चुप रहूँ,
जहाँ शब्द नहीं, सिर्फ़ एहसास कहें।
हर ख़ुशी की आड़ में एक अधूरी कहानी है,
हर चकाचौंध के पीछे कुछ अनकही निशानी है

मुझे वहाँ से पढ़िए, जहाँ से ख़ामोश हूँ मैं,
ये हँसना-हँसाना तो बस एक हुनर है मेरा।

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16 MAR AT 21:59

परेशान मन सलाह नहीं, बस एक साथ मांगता है,
दुख की धूप में थोड़ी सी छाँव मांगता है।

शब्दों की भीड़ में कोरा कागज़ बन एक ठहराव मांगता है,
दिल का दर्द जो सुने, साथ रहे, बस एक साथ मांगता है।

नसीहत के अल्फ़ाज़ तो हर कोई कह जाता है,
परेशानी में कोई हाथ थामे रहे, इंसान यही तो चाहता है।

दुनिया तो कह देगी, "सब्र कर ले ज़रा,"
अकेले कितना संभाले खुद को, जब कोई साथ ना हो खड़ा।

चुप रहता है जो, वो सबसे ज़्यादा कहना चाहता है,
बस किसी अपने का साथ, यही तो मांगता है।

वक़्त हर ज़ख़्म पे मरहम रख देगा,
पर एक अपना हो, जो आपके दुःख को भी अपना कह देगा।

जो बिना कहे समझ ले, बिना पूछे जान ले,
आँसुओं के बीच भी एक मुस्कुराहट की उड़ान दे।

परेशान मन सलाह नहीं, बस एक साथ मांगता है,
दुख की धूप में थोड़ी सी छाँव मांगता है।

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15 FEB AT 22:41

You are the dawn, so pure, so bright,
A gentle flame in the soft moonlight.
Your smile’s a spark, it lights the air,
A masterpiece beyond compare.

Your laughter rings like a sweetened song,
A melody where hearts belong.
In every step, with grace you glide,
A timeless beauty none can hide.

Your voice, a calm and soothing stream,
A living portrait of a dream.
You weave a magic, soft and true,
The world feels brighter, thanks to you.

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31 JAN AT 19:58

Your smile, a sunrise in the darkest skies
A radiant glow that never lies
It lights the path, it warms the soul
A treasure rare, a heart’s control

Your voice, a melody soft and sweet
A symphony where hearts retreat
Each word you speak, a golden hue
A charm that’s rare, pure, and true

(Full poem in caption)

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15 JAN AT 20:11

प्यार एक अनदेखा ख्वाब सा,
सपनों में बसा एक मेहमान सा।
दिल की गलियों में खिलता गुलाब सा,
खुशियों से भरा कोई जाम सा।

तेरी साड़ी का लहराना हवाओं में घुल जाए,
बिंदी की चमक से चाँद भी शर्मा जाए।
तेरी मुस्कान में छुपी वो रौशनी है,
जो अंधेरों में भी उजाला कर जाए।

तुझे देखना तो जैसे सुबह का उजाला हो,
तेरा हँसना जैसे खिला सवेरा हो।
तेरे साथ चलना एक गीत सा लगता है,
हर मोड़ पे तेरा हाथ थाम लेना सुकून सा लगता है।

कभी तेरी खामोशी में भी बातें सुनता हूँ,
कभी तेरी हँसी में खुद को ढूँढता हूँ।
कभी हल्की सी बारिश की बूंदें लगे,
कभी धूप में ठंडी हवाओं जैसा भीगे।

तेरे हर शब्द मुझे लगे कोई गीत सा,
दिल से निकले हर धड़कन की रीत सा।
हर पल में महका एक एहसास सा,
जिसे पाकर लगता है सब कुछ खास सा।

प्यार एक अनदेखा ख्वाब सा,
सपनों में बसा एक मेहमान सा।
जो दिल में उतर कर रूह तक चले,
और जीवन भर अपना रंग भरे।

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6 JAN AT 23:58

तुम खूबसूरत हो, जानती हो ना,
हम तारीफ़ न करें ऐसा हो सकता है क्या?
तुम्हारी आँखों में है एक गहरी बात,
जैसे आसमान को मिले चांद का साथ।

तुम्हारे बालों का जादू, खुशनुमा बादल की लहर,
उंगलियां फेरो तो लगे बस सुकून का शहर।
तुम्हारी मुस्कराहट, जैसे सुबह का उजाला,
जो अंधेरों में भी भर दे रोशनी का प्याला।

तुम्हारी बातें हैं जैसे एक गीत सुहाना,
जो सुनते ही आए ख़ुशियों का ज़माना।
तुम्हारी बातें जैसे शाम का सुकून,
तुम्हारी मुस्कान में है चाँदनी का जुनून।

तुम खूबसूरत हो, इसमें है सच्चाई,
तारीफ़ के लिए शब्दों की कमी है आई।
तुम खूबसूरत हो, जानती हो ना,
हम तारीफ़ न करें ऐसा हो सकता है क्या?

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2 DEC 2024 AT 23:43

मजबूर ये हालात इधर भी हैं उधर भी हैं
सिसकती हुई ख़ामोशी हर घर भी है, शहर भी है,
चमकते हुए चेहरों के पीछे एक अंधेरा सा,
हंसी के मुखौटे में छिपा ग़म का सागर भी है ।

चाहतें अधूरी हैं, सपने सब बिखरते हैं,
उम्मीदों के जुगनू यहां जलते और बुझते हैं,
हर एक दिल में छुपा है दर्द का एक कोना सा,
मुस्कान की सतह पर छिपा खारा समंदर भी है।

अंधेरों में कहीं रोशनी की लकीरें हैं,
मजबूरियों में छिपी उम्मीदों की तस्वीरें भी हैं,
सूरज की तपिश में जलते हैं सपनों के पर,
छांव की ख्वाहिश, मगर बंजर ये सफ़र भी है।

दूरियां मिटती नहीं, पुल बनाए कितने ही,
आवाज़ों में उलझा हर रहगुज़र भी है,
खुद से खुद की लड़ाई, एक अनजाना दर्द,
मजबूर ये इंसान इधर भी है, उधर भी है,

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27 NOV 2024 AT 23:16

यह ख्यालों की दुनिया है, पर हक़ीक़त बनाने दोगी क्या,
मेरी हर धड़कन में बस तुम हो, यह समझाने दोगी क्या?
तुम सितारे, तुम चाँदनी, तुम चंचल, एक बगिया के फूल जैसी,
एक पल के लिए अपनी बाहों का आसरा दिलाने दोगी क्या?

तुम चिड़िया, तुम सूरज, तुम सवेरा हो मेरा,
दूरी की दीवारों को तोड़कर पास आने दोगी क्या?
मन्नत के फूल रखे हैं मैंने तुम्हारे लिए,
इस ख़ुदा के सामने अपना बनाने दोगी क्या?

तुम सावन, तुम बादल, तुम रंगों का जहां हो मेरा,
मेरी हर उम्मीद तुम हो, अपने दिल में थोड़ी जगह दोगी क्या?
एक छोटा सा दिया जलाया है मैंने तुम्हारे लिए,
इस रोशनी में अपनी दुनिया बसाने दोगी क्या?

तुम झिलमिल, तुम खामोशी, तुम प्यारी सी मुस्कान हो,
मेरी हर धड़कन के सुरों में घुल जाने दोगी क्या?
तुम्हारे साथ समय के पहर को ठहराता रहूं मैं,
ज़िंदगी भर तुम्हें अपनी बाहों में संभालने दोगी क्या?

तुम खुशबू, तुम झंकार, तुम गीत हो मेरी,
ज़िंदगी के हर सफर में मेरा साथ निभाने दोगी क्या?
एक छोटी सी दुआ है बस इस दिल के कोने में,
तुम्हारे नाम से इस संसार को सजाने दोगी क्या?

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21 OCT 2024 AT 21:26

How I confine the feelings,
lock them in silence, where no one is peering
I may hide them deep, but they bloom like a song
Strength in my heart, where they truly belong

In every corner, a hope quietly gleams,
A spark of joy woven into my dreams,
Hide and seek of believing, led by hope
the beautiful moments, in dreams where I can cope

Belief, a game where doubts creep,
Like waves of the ocean elusive and steep,
Through the darkness, a glimmer remains,
I let them shine, let them be,
In every moment, they set me free.

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7 AUG 2024 AT 0:37

तेरे प्यार की खुशबू, गुलाबों से भी प्यारी,
तेरे हँसी की मिठास, शहद से भी न्यारी

तेरी आँखों का जादू, चाँदनी रात सा चमके,
तेरे साथ बिताया हर पल, जैसे सपना सजे

तेरे बिना ये दिल, बंजर धरा सा है,
तेरे साथ ही हर रंग, खुशियों से भरा सा है

तेरी बातों में उलझा, खूबसूरत लगता ये नजारा,
तेरे बिना लगे सब अधूरा, तेरा ही ये सहारा

तू है तो है सब कुछ, तू नहीं तो कुछ भी नहीं,
साथ तेरा लगता प्यारा, कह जाऊं तुझसे बातें अनकही

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