करीब होकर भी करीब ना आ सकूं तो क्या फायदा तेरे मायूस चेहरे पर हंसी ना ला सकूं तो क्या फायदा कसम ली है जीवन भर साथ निभाने की दो कदम भी ना चल सकूं तो क्या फायदा
सदा दूसरों के सपनों को जीया करती तुम अपने सपनों को तो जला दिया करती तुम स्वयं की पीड़ा पर आह भी नहीं भरती क्योंकि बेवफा की उपमा से डरती तुम ऐ स्त्री! धरती सा धैर्य आखिर कहां से धरती तुम
दिल के घाव का मरहम है आपकी आवाज दिल के वाद्य का सरगम है आपकी आवाज दिल की दरिया का समन्दर है आपकी आवाज दिल की बगिया का सुमन है आपकी आवाज प्यासे दिल पर बरसता सावन है आपकी आवाज बड़ी ही मनभावन है आपकी आवाज...🥰
मन हल्का न हुआ इजहार करने के बाद भी दिल लगा रहा उनके पास ही रात गुजरी इस उहापोह में क्या कल होंगे वो हमारी आगोश में ? सुबह हुई...... दोस्त ने कहा अबे! कहां खोया है आ अब होश में ..😂