तुम कुछ कायदे भूल गये हो जल्द बेघर हो जाओगे।।
ये आसमां उड़ने बस को है घोसलें ना बना पाओगे ।।-
दूर ही से बुला रहे हैं किनारें जानकर के कश्ती टूट रही मेरी ||
अब बदरंग सा हो गया हुँ बिन तेरे के पतवारें छूट रही मेरी ||-
आबाद शहर बरबाद गली यही ठिकाना हमारा है!
हमारी इबादतों मे आज भी ज़िक्र बस तुम्हारा है!-
मिट्टी से इश्क़ बड़ा महंगा लगने लगा है के जज़्बात बिखरने लगे है!!
तेरे लिबासो के दायरे से अब तमाम फरेबी इरादे निखरने लगे है!!-
यूँ तरफदारी ठीक नहीं है ऐ खुदा के तेरी खुदाई बदनाम हो रही है ||
क्यूं तेरी ही अदालतों में इंसाफ की नीलामी सरेआम हो रही है|||-
लम्हा लम्हा थामना चाहता हूँ तेरी मोहब्बत का!!!
ये दिल तलबगार उम्रभर रहेगा तेरी सोहबत का!!!-
बातिन में चराग यूँ सुलग रहा के,अंधेरो की परवाह हम किया नहीं करते है !!
क्यों ज़ुस्तज़ू कहकशां की यूँ लिए हुए, न जाने कितने नादाँ यहाँ रोज मरते है !!-
ला मेरा तबरेज़ मुझे लौटा ही दे ऐ खुदा के अब इल्म मेरा तबाह है !!
रूह ऐ रूमी मिसकीन हुए जा रही है और ये जिस्म तेरा गवाह है !!-