तू बेशक उनके जैसा नहीं है।
इसलिए तो तेरे दुश्मन बड़े हैं।।-
यह बद्दुआ है पास का, पड़ोस का!
या फल है अपने कर्मो के दोष का!!-
इंसा ने सूंघा होगा फिर चटकारे मार के खाया होगा !
जानवर की आह पूछता है अब गंध और स्वाद बता!!-
जरूरत-स्वार्थ-मजबूरी ले कर डूब गया!
ए री जिंदगी जा मैं भी तुझसे उब गया!!-
धड़क रहा है दिल यहाँ ज़िंदगी सांस भी ले रही!
एक सिवा उम्मीद के मगर हसीन कुछ भी नहीं!!-
कोरोना के प्रकोप से बचने हेतु शुक्रिया माला का जाप करें,
पापी मनुष्य 365 माला, कृतघ्न मनुष्य 30/31 माला तथा छली, दुष्ट और कपटी मनुष्य 7-7 माला का जाप नित्य करें! भोले भाले लोगों पर यह नियम लागू नहीं होता! यह क्रिया नाइट कर्फ्यू मे यात्रा के दौरान करें!-
जब हवा भी जिंदगी के खिलाफ़ हो गयी!
तो चराग़ भी जलेंगे पर रौशनी नहीं होगी!!-
इतना गहरा भी ना लिखा कीजिए!
लोग डूब कर जान भी दे सकते हैं!!-
यह तेरा चेहरा है या फूलों का गुलदस्ता है!
आ सजा दूँ तुझे मै दिल के किसी कोने मे!!-