Ãbhîshêk Sãxéñá   (अभिषेक सक्सेना ✍️)
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I'm not a poet but I love to write about my life.❤️
Joined 26 January 2019


I'm not a poet but I love to write about my life.❤️
Joined 26 January 2019
1 JAN 2022 AT 0:06

सरहद पार कर दी 2021 की
2022 की दहलीज पर आये हैं,
कुछ ख़्वाबों को मन में पिरोये हुए....
नई आशाएं लाये हैं ।

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।❤️

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14 AUG 2021 AT 23:54

आजादी का दिन आता है फिर चला जाता है,
क्या देशभक्ति का जज्बा दिल में एक ही बार लहराता है,
काश ये जज्बा इंसान के दिल में लहू बनकर दौड़े...
और लहराये तिरंगा दिल में जब तक रूह बदन का साथ न छोड़े ।

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7 AUG 2021 AT 23:30

एक नया इतिहास बनाने जो मैदान में भागा है
स्वर्ण पदक पाने का सपना जिसके मन में जागा है,
लहराया तिरंगा टोक्यो में, आज उस "नीरज" के खातिर....
खुले गगन को चीर के जिसने स्वर्ण पे भाला दागा है ।🏅

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3 MAY 2021 AT 18:46

तुझे पाना तो शायद मेरी किस्मत में नहीं
तुझ जैसी ही मिल जाए यही अरमान रहता है,
पर जगह ही ऐसी बनाई है तूने इस दिल में मेरे....
बात किसी से भी करूं पर तेरा ही ध्यान रहता है।

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28 APR 2021 AT 19:59

ये कुदरत का कहर कुछ यूं रुला रहा है
जरा सा वायरस इंसान को कफन में सुला‌ रहा है,
थक गया इंसान साबुन से हाथ धोते-धोते....
अब तो अपनों की जिंदगी से ही हाथ धुला रहा है ।

इतनी बड़ी महामारी अस्त व्यस्त दुनिया सारी
आॅक्सीजन जैसी चीज की इस धरती पर मारामारी,
ये शमशान अपने द्वार पर‌ रोज ढेरों को बुला रहा है....
ये वक्त इंसान को मौत के पड़ले में झुला रहा है।

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13 APR 2021 AT 15:59

ये शख्स बड़ा पेचीदा है,
खुद को बहुत सताता है
हो अंदर से कितना भी उदास....
फिर भी हमेशा मुस्कुराता है ।

बोलता रहता हर वक्त कभी
कभी एकदम चुप हो जाता है,
अक्सर अपने ही ख्वाबों में....
कहीं गुम सा हो जाता है ।

है प्यार नहीं नसीब में उसके
फिर भी प्यार के गाने गाता है,
शत्रु समझे गर उसको कोई....
वो उससे भी मित्रता निभाता है ।

ये शख्स बड़ा पेचीदा है....

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13 APR 2021 AT 10:00

मेरा व्यक्तित्व जितना सुलझा हुआ है
ये मेरा जीवन उतना ही उलझा हुआ है ।

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23 FEB 2021 AT 0:04

मिलना हुआ उससे काफी वक्त के बाद
कहने को था बहुत कुछ उससे पर कह ना पाया,
कागज पर ही बिखेर दिया उन लफ़्ज़ों को मैंने....
इतना बोझ था उन लफ़्ज़ों में ये दिल सह न पाया ।

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9 FEB 2021 AT 17:02

जिम्मेदारियां बहुत सी हैं कई इम्तिहान बाकी हैं
बहुत दिनों के बाद ये बात ज़हन में झांकी है,
हर फर्ज को अपने बखूबी निभाना चाहता हूं....
इस जिंदगी का हर पल हसीन बनाना चाहता हूं ।

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26 JAN 2021 AT 9:21

वो तीन रंगों से बना तिरंगा इस देश की पहचान बना
युद्ध श्रेत्र में लड़ता ‌सैनिक इस देश की असली जान बना,
ये मुल्क तो आजाद हो गया उन वीरों के शौर्य पराक्रम से....
हर व्यक्ति के अधिकार के खातिर भारत का संविधान बना ।

#गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ❤️🇮🇳

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