बचा कर हमने थोड़ा सा गुलाल रखा है,
पुरानी यादों को संभाल रखा है,
आओ आकर दहन कर दो सबको,
जो भी वहम दिल में पाल रखा है,
जो कहना है कह कर बहा दो रंगों के संग,
किस बात का आखिर मलाल रखा है,
हम रंग लगाएं तुम गले लगाओ,
इतनी सी बात पर सारा हाल रखा है,
अच्छी नहीं लगती दूरियाँ अपनों में,
क्यों दिल में नफरत का जाल रखा है,
आओ गले मिल कर मिटाओ दूरिया सारी ,
जिसके लिए बचा कर ये गुलाल रखा है.
होली की अनेकानेक शुभकामनाएँ .-
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ये रहीं मेरी "दूरियों" पर 3 "पंक्तियां".-
ये क्या हुआ
कि दिल पत्थर हो गया है अब
की अब तो कोई आए
जो मेरे सीने पर अपने हाथ रखे
और इसे फिर से दिल कर दे
कि कोई आए जो बंजर सी पड़ी
इन आँखों में कोई ख्वाब बोए
कोई हो जो टोके मुझे
मेरी कपड़ों पर पड़े सलवटों के लिए
कोई हो जो गले लगे तो
मुझे खुद सा कर दे अपनी खुशबू से
कोई हो जो
फिर से हँसना सिखाए
मुझमें मोहब्बत
कम होती जा रही है
कोई हो जो
उड़ेल दे प्रेम मुझमें कहीं से लाकर
और फिर ज़िंदा कर दे मुझे
जैसे कोई बच्चा ज़िंदा रहता है
बेपरवाह सा अपनी ही
दुनिया में खोया सा।-
झालर की टिमटिमाहट के बीच
थोड़ी जगह खाली होगी,
तुम कुम्हार से दीये ले आना
उसके घर भी तो दीवाली होगी ।-
अमावस्या की कालिमा में कुम्हार के चाक का घेरा होगा,
दीपक जब भी जलेगा उसके नीचे अंधेरा होगा ।-
It's okay to be alone
In your story
Instead of being with the wrong person
-
बंद कमरों में सोने वाले
क्या जानें,
सपने बोना क्या होता है,
चार -दीवारी ,
आधी खिड़की,
एक दरवाजे में खोने वाले
क्या जाने,
अम्बर होना क्या होता है।-
नदियों की अस्थिरता,
और उनकी चंचलता ने,
नदियों को
स्त्रीलिंग बना दिया,
जबकि किसी पुरुष के,
समान स्थिर स्वभाव
गहरी गंभीरता ,
समेटे होने के कारण
सागर पुल्लिंग हो गए।
-
" ऊपर वाले की यही मर्ज़ी थी शायद"
लोग तो ऐसे बोलते हैं,
मानों कि जैसे
बाकी लोग तो जो हुआ वो चाहते ही नहीं थे ।-
कुछ यूँ सोचकर भी उसे लेट रिप्लाई देता हूँ मैं,
शायद उसकी कॉल आए और कुछ पल बात हो जाए।-