Abhishek Patwa   (MechTard)
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Joined 15 April 2017


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26 JAN 2022 AT 21:44

तुम ठहरो, वक्त को गुज़र जाने दो
सिमट जाओ बाहों में मेरी,
और मुझे मर जाने दो।

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13 JAN 2022 AT 3:48

What is Love?
A Poor's Dream and Rich's Myth.

Nobody loves a poor man & Nobody loves a rich man.

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23 DEC 2021 AT 1:33

मैं एक आईना हूं,
खुद की रूह का...
और तुम्हारी बची–कूची आबरू का।

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1 DEC 2021 AT 21:16

यूं तो अक्सर ही तेरे खयाल मुझे आते हैं...
मैं सोचता हूं कि जब तेरा खयाल नहीं आता,
तब किसके खयाल आते हैं?

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30 NOV 2021 AT 2:51

नर्म घास पर ओस की बूंदों की एक चादर से ही तो हैं...
मेरे सीने पर सर रखकर जो आंसू बहाए थे तुमने

के जाने क्यूं वो धूप निकली थी, कि ओस उड़ गई अब तो
के जाने क्यूं तुम मुझसे लिपटी थी, कि सर का बोझ सीने से हट गया अब तो

अब न जाने ये सुबह कब आएगी...
पहले दिन चढ़ेगा, फिर दोपहर होगी, और रात आएगी,
कल के इंतज़ार में मेरी जान, मेरी जान निकल जायेगी।

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27 NOV 2021 AT 21:04

जाड़े की रात
और...
तुम पश्मीना शॉल सी

न ओढ़ लू तुम्हें
तो आज मर जाएंगे।

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4 SEP 2021 AT 0:09

मैने खुद को तुम्हारी नज़रों में देखा है
के नज़रों में तुम्हारी दर्द बेइंतहां देखा है,

यूं तो हस देता हूं छोटी छोटी बातों पर
तुम्हारी नज़रों में खुशी से कभी खुद को नहीं देखा है।

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23 JUL 2021 AT 13:29

इन धड़कनों को और ज़ोर से धड़कने दो,

मेरी बाहों में सिमट जाओ और खुद को बहकने दो!

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23 JUL 2021 AT 13:25

Meri nigahein atak si gayi hai tumhare honthon par,

Tum apne honth mere hothon pe rakh kar inhe azaad krdo...

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20 JUL 2021 AT 21:12

तुम्हारा और मेरा
रिश्ता भी कितना अजीब है...

प्यार अब है नहीं
और नफ़रत हो नहीं पा रही!

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