घर की याद आती है मुझे
अब तो हर रोज सताती है मुझे
घर की दीवारों को पीछे छोड़ निकला था
आज़ाद परिंदे की तरह
नई जगह, नए लोग, नए आशियाने में आज़ादी का आसमां
छू रहा था
पहली बार जब चोट खाकर गिरा तो
पापा की वो प्यारी सी थपकी फिर से उठाती है मुझे
घर की याद आती है मुझे !!!!!!-
11 NOV 2019 AT 15:21