क्या बताऊं बातें मेरे सरकार की,
रूठ गई है स्याही कलमकार की।— % &-
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पहली मुलाकात, पहली नज़र
जैसे हो सुंदर सी, तुम वो ग़ज़ल
गीतों की तुम जैसे हो रागिनी
जो लिखना सीखा दे तू वो चांदनी
पहली मुलाकात, पहली नज़र
बादल की चादर, था ओढ़ा शहर
बूंदों में सिमटी बरसती खुशी
कैसे भूल जाऊं वो तुम्हारी हंसी
पहली मुलाकात, पहली नज़र
शीतल हुई जेठ(ज्येष्ठ) की दोपहर
बातें हुई कुछ हुई गुफ़्तगू
तुम मेरे जीवन की बस आरजू-
उसके दिए धोखे को माफ करते रह गए ,
उसके हर गुनाहों के सबूत साफ करते रह गए ।
मैं तो अंधा था देख न सका ,
तुम क्यों चश्मा साफ करते रह गए ।-
I don't want
A kind of person
Who give me a hope
Everytime
Just walk with me
To the land of moon.-
Sometimes caring at extreme
Changes to insecurity.
Sometimes loving at extreme
Changes to hate.
Sometimes inspiration at extreme
Changes to destruction.-
स्याही इतनी भी काली नहीं होनी चाहिए
की पूरी कागज़ गंदी हो जाए ।
और चश्मा इतना भी काला नहीं होना चहिए
की पूरी आंखें ही अंधी हो जाए ।।-
Sometimes it's better to live your old chapters, Rather than starting a new one in your life.
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