बहुत अधिक जानकारी
केवल ज्ञान का भ्रम दें सकतीं हैं-
आदत ग़लत लगा गयी तेरे इश्क की
राहें ही भटक गए अपनी मंजिल की
तलाश में तेरी इन आदतों ने
ग़ुलाम कर लिया राहों को मेरी ।-
हमनें एकांत इतना जी लिया है
अब हम एकांत में नहीं
अब एकांत हम में है।-
एक सिखना होता है
एक सिखा देना होता है
मुझे और तुम्हें सिखना था।
प्रेम-
सब बयां हुआ
पर लगता है कुछ बयां नहीं हुआ
खो तो दिया है सब
मालूम पहले से था
पर अहसास आज हुआ।-
वो बहा लाईं,
मेरे समंदर में,
अपनी नदियां से।
अन्गिनत सपने, मासूमियत,
अपनी फिक्र को,
अपनी बैचेनी को,
और मैं ठहरा था,
अपना ग़म, गुस्सा और ठहराव लिए।
उसकी मिठी सी मुस्कान के लिए।
अब शान्त सा हो गया हुं, अपने में
जो अपना था वो बह गया।
वक्त के झरोखों में!
-
जहां रहस्य है
वहीं भ्रम पैदा होता हैं
जहां भ्रम है वहीं आस्था जन्म लेती हैं-
तेरे यादों की पुर्व संध्या की तस्वीरें
झांकती मेरे मन के आंगन में
-