Abhishek Kumar   (Abhi)
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Joined 23 March 2018


Joined 23 March 2018
26 MAY 2024 AT 19:18

कुछ बातें बस बातें होती है
ना कोई अर्थ, न कोई मकसद
कुछ बाते बरसो तक रहती है
समय के साथ पकती पक कर जीवन हो जाती है
कुछ बातें छटती जाती है
समय के अपरदन से घीस कर यादों से मीट जाती है
तुम, हम बाकी सब किसमे कितना रह जायेंगे
या की धुंधले पड़ जायेंगे
रुक कर झाक कर देखेंगे
क्या बातें सचमुच बातें होती है।

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4 APR 2024 AT 7:42

मैं कहता हूं तुम अनोखी हो,
तो कहती है मुझे अनूठे शब्दों में जड़ो,
दिल से भोली, मन से कोमल
थोड़ा अकडू, थोड़ा अड़ियल
जिंदगी में मुश्किल कम नही फिर भी ये बंदी cool है 😎
हा समझदार है लेकिन साथ ही थोड़ा emotional fool है
इतनी अनोखी मेरी दोस्त है,
वो घर में छोटी है, मगर सोच बड़ी रखती है,
ये बताने में लगी रहती है,

चेहरे पर लेकर गुस्से की लाली,
आंखों से जब ताड़े भोली सूरत वाली,
रखी रह जाए सारी की सारी शैतानों की शैतानी😀

आज उसी का जन्मदिन है , जिसके लिए मैंने चुनी ये कुछ शब्द है।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं !

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22 JUN 2022 AT 6:34

बेरोजगार हूं और कुंवारा भी मुझे डेट करोगी क्या
महंगे तोहफे नहीं दे पाऊंगा पर हा एक कप चाय
मेरी तरफ से, मंजूर हो तो बोलो मुझे अपना
लाइफ पार्टनर सेट करोगी क्या?😍
तुम शहर की पढ़ी लिखी लड़की हो
मै गाव का गवार, ब्लैक काफी तो नहीं पीला सकता
मेरे साथ गन्ने वाले गुड का रस पियोगी क्या??
ढेर सारा पैसा तो नहीं दे सकता
पर ढेर सारा वक्त मेरे साथ जियोगी क्या
सुख दुख में हमेशा तुम्हारा साथ दूंगा
AC तो नहीं है मेरे घर में फिर भी महलो वाला प्यार दूंगा
बीएमडब्लू को छोड़ो नैनो कार में ही सफर काट लेंगे
बच्चे तुम जितना कहो मुझे कोई प्राब्लम नही😍
घर गृहस्थी और जिम्मेदारियों को आधा आधा बांट लेंगे
क्या कहती हो मेरे साथ मेरे ड्रीम शहर चलेगी क्या
अगर कोई प्राब्लम ना हो तो बोलो मुझे अपना लाइफ
पार्टनर सेट करोगी क्या?😍
❤️

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12 JUN 2022 AT 21:12

कुछ भी खास नही है हममे
फिर भी जाने क्यू
भीड़ से कट कर तन्हा चलना
अच्छा लगता है

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25 JAN 2022 AT 7:54

रोज़गार के मुद्दों पर वोट कहा दिया था तुमने,

अब लाठिया नसीब हैं तो क़सूर भी तुम्हारा हैं..।।

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23 JAN 2022 AT 9:58

सोते हुए सपनों को उड़ान मिल जाती है,
जब बारिश में चाय की दुकान मिल जाती है। ☕♥️






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21 JAN 2022 AT 23:18

धनिया भी ला कर देंगे तुम्हे
गुलाब तक का ही इश्क़ नही हमारा
😍


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14 APR 2021 AT 8:52

मनुष्यों की तरह विचार भी नश्वर हैं ।
जिस प्रकार पौधों को सींचना पड़ता है उसी प्रकार विचारों का भी प्रसार आवश्यक है ।
अन्यथा ये मुरझा कर मर जाएंगे ।

- डॉ. भीमराव अंबेडकर



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7 DEC 2018 AT 15:40

कोरे काग़ज़ पर वो पेंसिल की तरह लिख गयी
मिट तो गयी पर वो काग़ज़ अभी भी
उसकी लिखी हुई गहरी तस्वीर बयां करती है

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19 JAN 2022 AT 18:48

साड़ी की सिलवटें खोंसते हुए जो सांस रोक लेती हो तुम..

बस उसी लम्हे में कही..सांस भी रुकी हुई सी है मेरी❤️






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