वक्त मिला तो तेरे जुल्फ़े सवार दे। २
अभी तो उलझा हूं पनीपत और हल्दीघाटी के युद्ध मे ।।— % &-
ना पूछो जमाने से कि क्या हमारी कहानी है,_
हमारी पहचान तो बस एक हिन्दुस्तानी हैं_
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
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छोर दिया मैंने भी सबके साथ चलना।
मंजिल पानी है ,तो रास्ते खुद बनाने पड़ते हैं।।— % &-
धर्म की अफीम घोली जा रही है।
नफरतों की बात बोली जा रही है।।
दफ्न है जो बात इतिहासों में कब से।
कब्र उन मुर्दों की खोली जा रही है।।
वस्त्र तो तन पर फकीरों जैसे है।
जिस्म देख नियत डोली जा रही है।।
जिनके पुरखे रहे सदा ही बाईमान।
वंशजों की कीमत तोली जा रही है।।
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Teri ankho ke khwayiso mai is trh kho gye ,
Hme pta hi n chla kb tere hm ho gye..-
टूटा हुआ तारा सबकी दुआ कबूल करता है।
क्योंकि उसको टूटने का दर्द पता होता है।।-
कुछ लोग है ,जो हर वक़्त नजरंदाज करते है;
फिर भी ए कम्बख्त दिल आज भी इंतेजार करता है:-
न जाने किस मोड़ पर लाकर खड़ी कर गयी जिंदगी।
अब अकेले मे सुनसान कर गयी जिंदगी।।
शायद लिखी थी साथ दो पल की यही तक।
झूठ मे आश लगाए रहे जिंदगी साथ साथ तक।।-
कहने के लिए कुछ नहीं है,
फिर भी हजारो गम लिए बैठा हूँ;
न जाने इस मतलबी दुनिया मे किसको अपना गम बाटु...........
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वक़्त को रोकना चाहा, पर वक़्त न रुकी;
वक़्त ने ऐसा खेल खेला की,
वक़्त को वक़्त की कदर न रही ।-