मुझे मेरे माँ के हिस्से की भी किताबें पढ़नी हैं
जो कभी उन तक पहुँचीं ही नहीं…-
Abhishek Kumar
(beete.lamhe02)
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यहां कुछ शायर हैं जो तख्त पलटने निकले हैं और कुछ मेरे जैसे पागल हैं जो वक्त बदलने निकले है... read more
Joined 7 March 2019
13 DEC 2021 AT 20:43
14 APR 2021 AT 23:42
कुछ असंभव सा करने का मन कर रहा है,
चलो आज अम्बर पर दस्तखत करते हैं...-
14 DEC 2020 AT 16:05
जिंदगी में ये भी एक अपनी खुशी है,
कि मम्मी बाजार में अब
चीज़ों की कीमत नहीं देखती हैं l
❣️-
31 JUL 2020 AT 0:40
मुश्किल से मुश्किल वक्त में
भी हमें खुशियाँ मिल सकती हैं
अगर थाम कर रखें रोशनी का दामन-