इश्क़ का वो मक़ाम भी गुज़र गयाजब होते थे आधे तुम्हारे बिनाअब तो वज़ूद ही नहीं हमारा तुम्हारे बगैर… -
इश्क़ का वो मक़ाम भी गुज़र गयाजब होते थे आधे तुम्हारे बिनाअब तो वज़ूद ही नहीं हमारा तुम्हारे बगैर…
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जो सीखनी हों तुम्हें वफ़ाए किसी से तो मेरे आँसुओ से सीखना वो तैर तो जाते हैं आँखों में , तुम्हें देखपर छलकते नहीं.. -
जो सीखनी हों तुम्हें वफ़ाए किसी से तो मेरे आँसुओ से सीखना वो तैर तो जाते हैं आँखों में , तुम्हें देखपर छलकते नहीं..
बहुत रौशनी है तुम्हारी शख्सियत मेंएक जरा छाँव ढूँढ़ते हैंकिसी शहर से चकाचौंध तुमतुम्हारे दिल का गाँव ढूँढते हैं -
बहुत रौशनी है तुम्हारी शख्सियत मेंएक जरा छाँव ढूँढ़ते हैंकिसी शहर से चकाचौंध तुमतुम्हारे दिल का गाँव ढूँढते हैं
और कितना बदले ख़ुद को तुम्हारे लियेइतना बदले हम की तुम अब भाते भी नहीं.. -
और कितना बदले ख़ुद को तुम्हारे लियेइतना बदले हम की तुम अब भाते भी नहीं..
इतना एकान्त भी नहीं चाहिए ऐ ज़िन्दगीकीं अपनी साँसो की ही आवाज़ शोर लगने लगे -
इतना एकान्त भी नहीं चाहिए ऐ ज़िन्दगीकीं अपनी साँसो की ही आवाज़ शोर लगने लगे
दिन भागता हैरातें रेंगती है और छोड़ जाती हैं एक टुकड़ा अंधियारे का का साथ मेरे .. -
दिन भागता हैरातें रेंगती है और छोड़ जाती हैं एक टुकड़ा अंधियारे का का साथ मेरे ..
माँ पोंछ दो फिर अपने आँचल से ज़राकी बहुत सिलवटें उभर आईं हैं माथे पे मेरे -
माँ पोंछ दो फिर अपने आँचल से ज़राकी बहुत सिलवटें उभर आईं हैं माथे पे मेरे
ग़र ढूँढना हो कभी मुझेतो चले आना अपने बीते “कल” मेंहम वही रहते है अपने “आज “ के साथ.. -
ग़र ढूँढना हो कभी मुझेतो चले आना अपने बीते “कल” मेंहम वही रहते है अपने “आज “ के साथ..
बहुत रौशन हैं शामें आपकी आज कलपर अन्धेरों का कुछ हिसाब अब भी बाक़ी है बहूत ऊँचीं हैं दीवारें आपके महलों केपर तिनकों का जवाब अब भी बाक़ी है -
बहुत रौशन हैं शामें आपकी आज कलपर अन्धेरों का कुछ हिसाब अब भी बाक़ी है बहूत ऊँचीं हैं दीवारें आपके महलों केपर तिनकों का जवाब अब भी बाक़ी है
मिलना मुक़र्रर है हमारावहाँ जहां दिशाओं का अन्त होता हैजहाँ धरती की बाँहों में आकाश सिमटता हैउस दिन ना हम होंगे और ना तुम होगेमगर हम-तुम होंगे -
मिलना मुक़र्रर है हमारावहाँ जहां दिशाओं का अन्त होता हैजहाँ धरती की बाँहों में आकाश सिमटता हैउस दिन ना हम होंगे और ना तुम होगेमगर हम-तुम होंगे