कौन है वो जो अभी बग़ल से है गुज़री,
दिल मेरा थम सा गया है,
पीछे पीछे तेरी परछाई जैसा चलने लगा हूँ ,
दिल मेरा अब ये बस में नहीं रहा है ।-
Officially pen name changed from "Abhishek Kotiyal" to "कवि कोटियाल".
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सोचा ना था मुड जाएँगे रास्ते हमारे,
सफ़र जो संग चले ख़्वाब ये अधूरे रह जाएँगे,
पता ना था ये वक्त भी एसा आएगा,
ये फ़ैसले तेरे जो मुझे समझ ना आएँगे,
दूर ना जाना तू इतना की यादें मेरी मिट जाए,
ना क़िस्मत अच्छी की हम फिर मिल पाएँ।-
शुरुआत कहाँ से मैं करूँ बताने तेरे बारे,
याद नहीं मुझे अब तेरी वो पुरानी बातें,
गुज़रूँ जब उन गलियों से जहां वक्त मैने तेरे संग बिताए ,
याद आए तू कुछ, कुछ धुँधली तेरी यादें ,
अब फ़रक नहीं मुझे ये बीती हुई कहानी कह कर, तस्सली खुद को दिलाता हूँ,
कलम से कवि हूँ कविताओं में बतलाता हूँ,
स्याही ये कलम की जब उतरे काग़ज़ पर,
बयान करे वो जज़्बात ये जो छिपे हैं इन लफ़्ज़ों में।-
जो ना मिले तुझे उससे तू भूल जा,
मुसाफ़िर है तू अकेला, अपनी राह तू चलता जा,
क़िस्मत में लिखा हो तो वो आएगी ज़रूर,
महसूस जब करे दर्द तेरा, याद आएगा उससे अपना कसूर।-
प्यार में क़समें जो खाए है झूठे तूने , अब आँसू बहाने से क्या होगा
दिल जो तोड़ा तूने मेरा , आज तेरा भी दिल किसी ने तोड़ा होगा,
वक्त वक्त की बात है हिसाब सबका बराबर होगा,
वक्त वक्त की बात है हिसाब सबका बराबर होगा,
ये फ़रेब का नक़ाब भी एक दिन सबका उतरना होगा। 💔-
रूठ के कहती थी कि जा रही हूँ घर, हमसे बात न करना
रूठ के कहती थी कि जा रही हूँ घर, हमसे बात न करना
हमने भी मुस्कुराकर कहा कि घर पहुँचके ज़रा बता तो देना।🌹-
ये रात यहीं ठहर जाए,
ये वक़्त यहीं थम जाए,
बातें ये दिलों की चलती रहे ,
तेरे चेहरे पे ये मुस्कुराहट हमेशा झलकती रहे ।-
पूछो न मुझसे कि मैं करता क्या हूँ,
पूछो ना मुझसे कि मैं करता क्या हूँ ,
फ़िलहाल तो आपके इश्क़ मे दीवाना हुआ हूँ । ❤️🌹-
मेरी कलम कि है एक बात ,पिरोया तेरी यादें और मेरे जज़्बात,
दिल की गहराइयों में दफ़न जो राज़, करे ये उसे शब्दों से बयान|-
फिर याद आई मुझे ये बीती कहानी,
बाहों मे तू, और शाम गुलाबी,
बातें मीठी और तेरे नैन शराबी,
ईश्क की स्याही से लिखूं तेरी मेरी ये कहानी,
समंदर किनारे संग चले, पिछे छूठ गए पैरों के निशान,
रासते ये अलग हुऐ, रह गए दिल में कुछ अधूरे अरमान,
पर अफ़सोस नहीं तेरा यूँ साथ छोड़ जाना,
दूनिया का दस्तूर यही, जाली ये ज़माना,
लेकिन आज भी लिखूं मैं कविताएं तेरे नाम की,
लफ्ज़ मेरे बयान करे दर्द भरी ये दास्तान पुरानी|-