Paid Content
-
समय क... read more
बेहतर की तलाश में निकलता है बंदा
वो मुकद्दर की बात पर कभी रोता नहीं
जागता है दिनभर रात में भी वो सोता नहीं
गिरा देते हैं मनोबल लोग,वो किसी की सुनता नहीं
बेहतर की तलाश में निकलता है बंदा
वो लोगों की भीड़ में कभी खोता नहीं
रात भर जागता है वो कभी-कभी सोता नहीं-
सुकून की तलाश में मुसाफिर दर-बदर भटका
सुकून तब मिला जब मां की गोद में सर रखा-
खूबसूरत बहुत सी चीज हैं इस जहान में,
लेकिन तुम्हारी आंखों जितना कुछ और नहीं,
जख्म गहरे हैं उतने आज भी,
लेकिन अब दर्द नहीं है उतना खास भी,
अकेले में हमेशा कॉपियों के पेज भरता हूं
ये सच है कि सच कहने से मैं आज भी डरता हूं-
हौसलों की उड़ान अभी बाकी है
दिल में जज्बात तेरे खाकी है
लड़ जा तू मुश्किलों से ऐ परिंदे
इस परीक्षा में अभी तेरे दौड़ बाकी है
-
सूरज डूबे तो डूबे, छाये बादल घने से
दुनिया भूले तो भूले, रख हौसला तू खुद से
मुश्किलें लाख आएं तो आएं, कर सामना तू जिद से
मंजिल मिलेगी तुझे भी ऐ मुसाफिर,
बादल फटे या बिजली गिरे आसमान से-
जब इंसानियत ही भूल गए तो काहे का इंसान हो तुम,
मैं अक्सर कहा करता हूँ अगर तुम्हें बुरे लोग मिलें,
तुम बुरे इंसान को छोड़ो
अपनी अच्छाई को नहीं
पर इंसान आज तो तूने इंसानियत को ही शर्मसार कर दिया।-
अब कोई आरजू नहीं
न कोई तमन्ना मेरी
कोई साथ दे न दे
कलम साथ में रोती है
-