एक कतरा भी आंसू का नहीं बहाया हमने,
अपना आखरी वादा ऐसे निभाया हमने।
वो था तो सब कुछ सही था,उसके बाद,
हर जगह खुद को ही गलत बताया हमने।
देखकर ख्वाब उनके जलाता फिर ये हमें,
इसलिए आंखों को सारी रात जगाया हमने।
मिलेगा किसी दिन तो बताऊंगा उसको,
वो नहीं मेरा कैसे खुद को समझाया हमने।
लौटेगा नहीं फिर वो अब पुरानी राहों पर,
सच जानकर भी खुद को झुठलाया हमने।
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