ABHISHEK JAIN   (AJain)
184 Followers · 6 Following

read more
Joined 8 February 2018


read more
Joined 8 February 2018
12 JAN 2023 AT 7:52

लबों पर मुस्कान बन
जब मोहब्बत सजी होगी

साथ ना होकर भी
वो हमेशा सामने महसूस होगी

कहने को होगी बहुत सारी बाते
पर जुबान उसकी गोद में सुकुन चाह रही होगी

बस उस पल मोहब्बत अपने राहों में
लकीरों से ऊपर बेइंतिहा होगी
Ajain_words

-


11 JAN 2023 AT 15:31

लम्हों की बेकरारी
और इंतजार उन नजरो का

जिसमें नजर आता वह अक्स मेरा
जो दिखता नही अक्स आईने का

और देखो घड़ी की सुई रुक सी गई
कह रही वक्त है उनसे जुदाई का

पर फिर भी हम उनके इंतजार में
शायद बेकरारी का अंत हो इस मझदार में

Ajain_words

-


31 DEC 2022 AT 21:10

Happy New Year

कुछ सीखा तो कुछ सिखाता गया
किसी को मिलता किसी से बिछड़ता गया

कुछ पाने की खातिर कुछ खोता गया
या शायद कुछ खोकर मैं खुद को पाता गया

और यूं ही एक और साल गुजरता गया
हंसते चेहरे पर जिंदगी के सबक छोड़ता गया

अभी तो शुरू किया था नए साल का जश्न मनाना
की देखो जश्न खत्म होने पहले साल खत्म होता पाया
Ajain_words

-


5 OCT 2022 AT 8:53

........

-


27 JAN 2022 AT 20:09

अपनी पहचान ऐसी बनाओ कि
नाम का मतलब ही बदल जाए ।— % &

-


23 JAN 2022 AT 10:37

अक्षर नाम का बड़ा लिखा करता था
कक्षा में मैं भी तिरछा बैठा करता था
दिखाई दे वो जिस कोने से मुझे बस
वही मैं अपनी जगह बनाए रखता था
अलग सा सुकूँ मिला करता था
जब चिढ़ाता उसे दूर से था
शरारती मुस्कान उसकी देखकर
जब बाकी को जलाया करता था
पुरी कक्षा को मालूम था
बस उसे ही खबर ना थी
जो शरारत हम आपस मे करते
शायद वही मोहब्बत की वजह जो थी
दिन उसकी बातों से शुरू होता
वक़्त उससे शरारत में गुजरता
आता वक़्त जब छुट्टी का तो
दिल मानो सहम सा जाता
समझ ना सके वो प्यार था या कुछ और
बेफिक्री से जीना उन लम्हो ने सिखाया था
खुशनुमा माहौल जीकर इस कदर जुदा भी करवाया था
मिलन होगा नही जीवन मे कभी दुबारा
ये बात भी साल के अंत मे बतलाया था
आज भी उसकी यादें सुनहरी सी
महकाती मेरी सांसो को है
बचपन का वो शरारतों भरा
पहला प्यार मेरे जहन में बसकर
मेरे मुस्कुराने की आज भी वजह जो है ।

-


8 JAN 2022 AT 18:51

लफज़ो की महफ़िल में अब लब खामोश होने लगे है
सही गलत की चर्चा में अब सब मुजरिम बनने लगे है
एहसासों की चुभन से अब नैन रोने लगे है
अपने ही सफर के अब खुद ही बाधा बनने लगे है ।
कैसी है ये खामोशी छाई है
हँसते खेलते को किसकी नजर लग आई है ।
सवाल बिन घटना के तो
जवाबो में उनके अब रुसवाई है
महफ़िल की खामोशी अब
दिलो को ख़्वाब को शांत करने आगे बढ़ आयी है ।

-


31 DEC 2021 AT 7:37

💕 जिन्दगी का एक ओर वर्ष कम हो चला,
कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला..💕
💕 कुछ ख्वाहिशें दिल मे रह जाती हैं..
कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं ..💕
💕 कुछ छोड़ कर चले गये..
कुछ नये जुड़ेंगे इस सफर मे .. 💕
💕 कुछ मुझसे बहुत खफा हैं..
कुछ मुझसे बहुत खुश हैं.. 💕
💕 कुछ मुझे मिल के भूल गये..
कुछ मुझे आज भी याद करते हैं..💕
💕 कुछ शायद अनजान हैं..
कुछ बहुत परेशान हैं..💕
💕 कुछ को मेरा इंतजार हैं ..
कुछ का मुझे इंतजार है.. 💕
💕 कुछ सही है
कुछ गलत भी है.
कोई गलती तो माफ कीजिये और
कुछ अच्छा लगे तो याद कीजिये।💕

-


16 DEC 2021 AT 19:45

अफसाना बनाकर मेरे ख्यालो का
वो हर रात महफ़िल सजाते रहे
दोस्तो के बीच ऊँचाई दिखाने के लिये
हमारे ख्यालों को गिराते रहें ।
कहते हर जज्बात थे उनसे हम
जिनका वो अफसाना बनाते रहे
बेगानों के बीच वो खिलखिलाकर
वो हमारा मजाक बनाते रहे ।
वक़्त नामुरादी से हमे
खामोश करता गया
हमें बेजुबान कर
किसी का ठहाका बनाता गया
वो अफसाना अक्सर हमें याद आता है
जब महफ़िल में बेगानों की हमे
अपनो द्वारा बिजूका बनाया जाता है।
सहते रहते थे हम उस पल
की शायद गलत को अपना बना बैठे है
जिसे कीमत नही हमारी एहसासों की
उससे ही दिल का अफसाना बना बैठे है ।
शायद एक दिन उसे भी मेरा
बेजुबान होना नजर आएगा
वो महफ़िल के अफसाने में
खुद को जलील होता पायेगा
वक़्त के दस्तूर में एक ऐसा भी पल आयेगा
ठहाको के बीच एक दिन वो भी हँसी का अफसाना बन जायेगा ।
शायद उस पल ये अफसाना कुछ कर जायेगा
हमे उनका तो उन्हें हमारे नाम कर जायेगा ।

-


15 DEC 2021 AT 16:43

अजीब बात है ना

एक वक्त था जब तुम्हे देखने के ख्याल से
ही दिल मचल उठता था

और अब तुम्हे देखकर भी लब
खामोश हो जाते है ।

-


Fetching ABHISHEK JAIN Quotes