महफ़िल में अक्सर उसका ज़िक्र होता है
चेहरा मुस्कुराता है पर दिल रोता है
बिताया वक़्त जो साथ भूले भूलता नहीं
बस एक आख़िरी अलविदा ना कह पाने का अफ़सोस होता है
शायद वो भी कभी याद करती होगी
शायद किसी और से मेरी बात करती होगी
आँखें नम होती होंगी कभी उसकी भी शायद
शायद थोड़ा प्यार अभी भी करती होगी
मिलेगी कभी कहीं दोबारा तो बात नहीं कर पाऊँगा
वो चेहरा जो किसी रोज़ उठने की वजह होता था देख भी ना पाऊँगा
क्योंकि अब किसी और के साथ होगी वो
जो मैं सहन ही नहीं कर पाऊँगा-
कभी कभी लगता है की ज़िंदगी में काफ़ी पीछे रह गया
मैं रुक सा गया पर वक़्त निकलता रहा
जो कुछ नहीं थे हासिल कर लिये उन्होंने भी कई मुक़ाम
मैं जहाँ था जैसा था वैसा ही रह गया-
दूसरों की कामयाबी से जल नहीं रहा हूँ
बस अपनी नाकामयाबियों से ख़फ़ा हूँ-
जो वक़्त बिताया हमने साथ में
उसकी यादें जब भी आती हैं
आज की परेशानियों से बेख़बर होके
चेहरे पर हल्की सी एक मुस्कुराहट आ जाती है
संजो कर रखें हैं लम्हें वो
दिल उदास हो कभी तो देखने को
वक़्त असल में बेहतर था वो
हर पल में ज़िंदगी थी जीने को
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खुद की सुंदरता से बेख़बर है वो
देख उसे दीवाना ना हो जाए अगर कोई
तो ख़ूबसूरती का बेक़दर है वो ।-
Kaash hum kabhi mile na hote
Vo ghum bewajah sahe na hote
Nashe mein doobi vo shaamein na hoti
Na vo dard bhari baatein hoti
Sisak sisak kar har raat na rote
Kaash hum kabhi mile na hote-
तेरे जाने की कमी आज भी खलती है
दिल का एक कोना ख़ाली सा रह गया
अब तो कोरोना की वैक्सीन भी आ गयी
ला इलाज़ बस मेरा इश्क़ रह गया।-
Dil mein hai vo mere
Qismaton mein nahi
Badh gaya vo aage
Main khada hun vahin
Hua aisa ishq mujhe
Jo Kabhi socha na tha
Main uska beshaq tha
Par vo kabhi mera na tha-