Abhishek Ghosh   (अभिषेक)
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Joined 25 April 2017


Joined 25 April 2017
31 MAR AT 15:12

सच ये भी है कि तुम इत्तेफाक हो,
लेकिन सच ये भी है कि तुम यकीन हो|

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21 MAR AT 20:18

The art of an artist is measured by the excellence in his/her work,
Not by the pretty curated folklore presented.
Sometimes some questions are meant to be skipped,
Preferably to get valid output in near future.


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20 JAN AT 9:00

आरंभ भी तू, अंत भी तू,
आदि भी तू, अनादि भी तू,
शरीर भी तू, भस्म भी तू,
हवन कुंड की अग्नि भी तू |
हर हर महादेव ||

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13 NOV 2024 AT 23:37

हमारे इस नजराने को पेशकश मत समझो।
कही हुई बात को , कमजोरी मत समझो ll
यूं तो मुखातिब हुआ करते थे आपके गुजरने से ।
हमारे इस इल्तिज़ा को इत्तेफाक न समझो ।।

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24 SEP 2024 AT 11:46


दिन भी उसका , रात भी उसका,
कर्म भी उसका , क्रोध भी उसका।।
न हो जिसका आदि, और न हों जिसका अंत|
सबका हैं वो रखवाला, करता दुष्टों का अंत||
नाम इसका लेके जो, करता अपना काम।
देता उसको वो, उसका मनपसंद ईनाम||

श्रृष्टि उसकी , लोग उसके, करता न कोई भेदभाव।
हलाहल जैसे विस भी, होते हैं इसपे निष्प्रभाव||
सब चीजों में श्रेष्ठ वो, सारे वेदों का ज्ञाता|
उसके तेज़ को संभाले कौन, जो है सारे जगत का उजियारा||


सारी श्रृष्टि कहती जिसे देवों का देव|
प्रेम से भक्त गण, कहते उन्हें महादेव||

हर हर महादेव 🙏

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21 JUL 2024 AT 11:21

There is always a different perspective.
Someone says that you won a silver medal,
While someone will say that you lost a gold medal.
Choose wisely!

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1 JUN 2024 AT 21:50

यूं ही अल्फाज नहीं थे, तुम्हारे जाने पर,
हर ख्वाब मुनासिब थी, तुम्हारी एक इल्तेजा पर|
कहीं वाकिफ था में, हर उस गुफ्तगू से,
चमकता था चांद भी, जिसकी आंखों की चांदनी से|

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29 MAY 2024 AT 12:06

कुछ चीजें मेहनत पर,
कुछ चीजें भरोसे पर,
कुछ चीजें वक्त पर,
और बाकी चीजें महादेव पर छोड़ देनी चाहिए|

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11 JAN 2024 AT 11:53

मन में जो था वही है फरमाया,
न ज्यादा पाने की चाहत की , न कम है चाहा।
यूं में कैसे बता दूं, क्या था मन में,
क्योंकि न तुमने जानने की चाहत की, और न मैंने जताया।।

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5 JAN 2024 AT 15:46

अगर इतने ही पास थे तुम , तो फिर दूर कोन था,
ये दिल कुछ बयां करना चाहती थी , मगर जुबान कहां था,
अगर कसूर था किसी का तो , सायद जमाने का था
वरना रात भी चांदनी थी , और दिन सुहाना था।

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