कोई तो राह दिखायें
कोई तो साथ ले जायें
कोई तो हो जो गले लगाए
कोई तो हो जो अपने अंचल से आँसू पोछे
हम कब तक अकेले शोक बनाए
हम कब तक अंधेरे कमरों में दीया जलाए
अब तो खुद से रूह भी घबराती है
अब तो परछाईं भी साथ छोड़ जाती है
हमें किसी का दर न मिला तो हम कहाँ जाएंगे
हम अब और इस तरह रहे तो मर जाएंगे
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आगमन
अभिनंदन
आभार
निवास:-नर्मदा किनारे जबलपुर
Instagram ID:-ABHIS... read more
हम सहराओं को दरियाओं को पार करके आएंगे
हम तुझसे मोहब्बत करने वाले लोग है
जरूरत जान पड़ी तो मर कर आएंगे
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ये पागलपन ये बेख़ुदी कैसी
जो चुका है दूसरे शहर
उस शख्स से अब मोहब्बत कैसी-
तुमने पूछा हाल हमारा गैरों से
तुम कितना अपनापन भूल गए
हमनें तुमको ढूढ़ा छत में घर में बागों में
तुम हमको मिले किसी और बाहों में
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जीना भी आखिर जरूरी है ये किसको बताया जाएं
मर जाएँ तो दुनिया को समझ आये
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जब तुम ब्याह के अपने साजन के घर चली जाओगी
तब हम सबकुछ हारकर एक हार तुम्हें तोहफ़े में भेजेंगे-
मैं बेअदब नींद में खोया हुआ एक शख्स हूँ
सपनो से ज़िरह रात से गुफ्तगू करता हूं-
मैने जुगनुओं से यारी की ख़त्म किया अंधेरों को
जला कर शम्मा उसकी गली में रोशन किया सवेरे को-
आसान नही रोज किसी की तहलीज तक जाना
उनसे मिलने के इरादे लिए
न मिल पाने का मलाल लेकर लौट आना-
लेकर हाथों में हाथ जब हम इस जहाँ में चल सकेंगे
तब मैं समझूंगा की ये समाज आजाद विचारों वाला है-