दिन कितना ही थका देने वाला हो पर उसके अंत में मैं तुम तक पहुंचता हूं, जिसके साथ साझा करना चाहता हूं पूरा दिन,मन के विचार, दिन भर की थकान और तुम ही हो जो मुझमें सुकून भरती हो, मुझे खुश करती हो, मेरे दुख को समेट लेती हो.. मुझे प्रतीक्षा होती है शाम होने की तुमसे बातें होने की, तुमसे मिलने की...!!!🥰
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abhishek dixit
(अभिषेक)
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कभी खुद को इतना पढ़ने का मौका ही नहीं मिल पाया कि bio गढ़ सकूँ😇
Joined 20 September 2020
13 OCT 2023 AT 19:26
11 OCT 2023 AT 21:06
संसार के व्यक्ति आपको सिर्फ अपने से नीचे के स्तर पर ही देखना चाहतें हैं..ज्यों ही आप उनके स्तर पर या उनसे बड़े बनेंगे वो आपसे ईर्ष्या करने लगेंगे..व्यक्ति हर स्तर पर अकेला ही है।
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25 JUN 2023 AT 20:26
श्रृंगार करती हुई स्त्रियों से कहीं
ज्यादा सुंदर लगती हैं-
संघर्ष करती हुई स्त्रियां...!-
22 DEC 2022 AT 9:40
जूते घिस कर बनाई गई पहचान और जूते चाट कर बनाई गई पहचान में ज़मीन आसमान का अंतर होता है।
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19 DEC 2022 AT 12:54
लोग तब आपसे चिढ़ना या दूरी बनाना शुरू कर देते हैं जब आप उनके अनुसार वैसा नहीं करते जिसकी वो आपसे उम्मीद करते रहते हैं...!!
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1 DEC 2022 AT 13:33
धर्म की शिक्षा अगर लोमड़ी से ली जाए तो मुर्गी चुराना भी पुण्य का काम माना जाएगा।
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