Abhishek .   (It's_abhiii)
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Joined 25 March 2021


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Joined 25 March 2021
11 JAN AT 10:10

दिन सबका दौड़ भाग में बीता और शाम अब ढलने को है......
कुछ बातें दबी है जेहन में, कोई कहने को है तो कोई जरूर उन्हें सुनने को है.....
पर समय ने अपनी पाबंदी ऐसी लगा दी है कि दूसरों का कब सोचे जब खुद के लिए क्या सही, क्या है गलत समय नहीं ये तक चुनने को है.......
फिलहाल तो खुद के लिए दिन भर कितना कुछ किया और कितना दूसरों के लिए किया, इसका हिसाब भी गिनने को है |

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31 DEC 2022 AT 21:09

किसी की शिकायत की जाये आज,
किसी की तारीफ की जाये आज,
किसी को याद किया जाये आज,
किसी को सताया जाये आज,
रूठे हुए को मनाया जाये आज,
रोते हुए को हँसाया जाये आज,
ग़मों को भुलाया जाये आज,
छिपी बुराई को दफन किया जाया आज,
गैरों को भी अपनाया जाये आज,
साल के आखिरी दिन से सबके साथ
विदा ली जाये आज,
और नए साल की चुनौतियों के लिए
खुद को तैयार किया जाये आज!!



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28 DEC 2022 AT 1:32

हम मुस्कुराये क्या हल्का सा वो देख के शर्मा गयी....
हम करीब क्या गए थोड़ा सा लो वो घबरा गयी....
उफ्फ सख्त दिखने वाली वो छूते ही नरमा गयी....
एक पल नजरे क्या हटा ली वो तो गरमा गयी.....

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29 OCT 2022 AT 11:01

जा रहा है

हाथों से फिसलता




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27 OCT 2022 AT 16:28

Paying 15k every semester for mess food and everyday after eating that food I literally felt like......

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18 JUL 2022 AT 19:13

मैंने तेरी आँखों में जी भर के दो घड़ी झांक क्या लिया.....अब तो चाहे चाय फीकी ही क्यूं ना हो, मुझे डायबिटीज होना तय है।

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18 JUL 2022 AT 18:58

यूँ मुझसे बेवक्त ,बेवजह मुलाकात कर तेरा इश्क फरमाना है ना मुझे जरा सा भी गवारा नहीं....
कमबख्त अब डर लगता है कि तेरी इस हमदर्दी में भी कहीं छिपी हुई तेरी कोई नयी साज़िश तो नहीं....

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16 JUL 2022 AT 22:22

ऐसे तो मिलना संभव नहीं हो

पाता था तो पढ़ने के बहाने

ही हम मिल लिया करते थे...

बातें खास नहीं होती थी, बस

एक दूसरे को एक टक निहार के

ही हल्का सा खिल लिया करते थे...

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16 JUL 2022 AT 22:03

एक दफा मेरी आँखों में निहार के तुम बस मुस्कुरा दिया करो......काफी है मेरे लिए तुमसे मेरी नाराजगी खत्म करने के लिए।

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15 JUL 2022 AT 22:19

जिंदगी का अब हरेक लम्हा उन लोगों के साथ गुजारना जो आज में जीया करते है....
मुझे अब उनमें जीना है जो सब ग़मों को भुला खुशीनुमा जाम पीया करते हैं....
मुझे अब उनमें जीना है जो छोटे से छोटे खुशी के पल खुलकर जीया करते है....
मुझे अब उनमें जीना है जो मुसीबतों से भी हंसते हंसते टकरा लिया करते हैं....
मुझे अब उनमें जीना है जो मेरे हर सुख दुख में मेरा साथ दिया करते हैं....
मुझे अब उनमें जीना है जो मेरी सारी हताशा दूर कर एक नया जोश भर दिया करते हैं....
मुझे अब उनमें जीना है जो मुझे मेरे हर एक हाल में अपना लिया करते हैं....
मुझे अब उनमें जीना है जो मेरी कमजोरी को ताकत बनाने में मेरे से ज्यादा मेहनत कर लिया करते हैं....
मुझे अब उनमें जीना है जो खुद की खुशी त्याग दूसरों की खुशी में खुश हो लिया करते हैं....
हाँ मुझे अब उनमें जीना है जो खुद का स्वार्थ त्याग दूसरों की जिंदगी ही संवारने में अपनी पूरी जिंदगी जी लिया करते हैं......

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