Abhishek Bhagat  
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Joined 1 January 2021


Joined 1 January 2021
22 APR AT 23:40

ना पूछी जाती ना पूछा मजहब
बस पूछा नाम और दिया मार।

ना देखा ब्राह्मण , क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र
किया आतंकियों ने सिर्फ सनातनियों पर वार।

तुम लड़ते रहो जातियों में
होगा एक दिन तुम पर भी वार।

संभल जाओ अब भी हो जाओ एक।
विदेशी ताकते फिर से है भारत को तोड़ने के लिए तैयार।


इस्लामी आतंकियों के कायरता पूर्वक हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि 🙏

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16 APR AT 19:51

मै हु भारत के सनातन धरोहर का केंद्र बिंदु
मै हु लाखों वर्षों से भारत में रहने वाला हिंदू

जितना पूरा मेरा इतिहास है।
उतना ही पुराना मेरा पहचान।

खत्म नहीं कर सकते हो तुम मुझको
चाहे बरसाओ पत्थर चाहे आग लगाओ चाहे ले लो जान।

कोशिश की थी पहले भी मुझको मिटाने की
जुल्म और अत्याचार करते गए हर आते जाते सुल्तान।

इन्हीं जुल्मों से निजात दिलाने को मुझको
निकला मुझमें से ही महाराणा, शिवाजी , बाजीराव महान।

फिर बढ़ रहा है तुम्हारा अत्याचार
फिर होगा वीरों का अवतार।

मिटा नहीं सकते हो मुझे मै हु इस देश का केंद्र बिंदु
मै हु लाखों वर्षों से भारत में रहने वाला हिंदू।



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14 MAR AT 3:41

लो आ गया फाल्गुन में रंगों का त्यौहार
था जिसका हम सब को साल भर से इंतजार।

गिले शिकवे को कर के दूर ये बढ़ाता आपस में प्यार।
खुशियों के रंग भरता जीवन में ये होली का त्यौहार।


Happy Holi

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1 DEC 2024 AT 5:40

नित्य नए नए षड्यंत्रों से
छल प्रपंच जैसे तंत्रों से।

पहुंचा सकते हो बेशक मेरे राहों में बाधा
पाओगे हौसला मेरा पहले से ज्यादा।

रखे है धीरज को बांध कर, मत लो धैर्य का इम्तिहान
दुष्ट सागर भी तब ही माना,जब राम ने संधान किया बाण।

है साहस अगर विपरीत परिस्थिति में भी धरने का सब्र
बेशक धैर्य दे गया जवाब जिस दिन खुद जाएगी दुष्टों की कब्र।

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26 NOV 2024 AT 21:19

बुढ़ापा है उम्र का वो पड़ाव
जहां मिलते है जख्मे और घाव।

बैचेन रहता है हर पल मन
बीमारी से ज्यादा मारता है अकेलापन।

हसरतें रहती है दो पल फुर्सत के ले कोई निकाल
दो लफ़्ज़ परवाह की बोले, फेरे प्यार से बाल।

आशाएं टूट जाती है। बदल गई जो वक्त की चाल
कल तक सुदृढ़ थी जो काया। हो जाती है बदहाल।

कहते है ना जब ना हो अनुभव समझ नहीं पाते लोग दर्द
अगर समझ ही जातें तो क्यों धुंधली आंखे देखती हर रिश्तों ने हमदर्द।

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19 NOV 2024 AT 5:31

क्यों पीड़ा से भरा होता है बुढ़ापा
जो कभी थे बहुत प्रबुद्ध वो खो देते है अपना आपा।

ना होश रह जाती है खाने की
ना होश रह जाती है पखाने की।

रह के कैद एक ही कमरे में
जिंदगी हो जाती है तहखाने की।

नीत दिन नई नई समस्याओं से होता है सामना
पीड़ा से बैचेन होकर करते वृद्ध जब करते है मृत्यु की कामना।

देख रहा हु बहुत करीब से कैसे कटते है वृद्धों के दिन
कल तक जो थे महत्वपूर्ण अंत समय में बन जाते है हीन।

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8 NOV 2024 AT 20:17

नहीं चेतेंगे तो उठानी पड़ेगी हानि।
क्योंकि जीवन भर बरकरार नहीं रहेगी जवानी।

कभी होगा मधुमेह तो कभी होगा हृदय रोग।
जीवन बन जायेगा एक वियोग।

जैसे जैसे बढ़ेगी उम्र, होगा डिमेंशिया
जीवन नर्क बन जायेगा जब साथ ना होगा पिया।

दादी की समस्याओं को महसूस कर है बताया।
फिक्र अपनी खुद करो, जिसने दूसरे के भरोसे बुढ़ापे का सोचा वो जीवन में बहुत पछताया।

अभी है शक्ति समय करो अच्छे आदतों का अभ्यास
ताकि बुढ़ापा जब आए, अनावश्यक समस्याएं ना आए पास।

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8 NOV 2024 AT 20:17

नहीं चेतेंगे तो उठानी पड़ेगी हानि।
क्योंकि जीवन भर बरकरार नहीं रहेगी जवानी।

कभी होगा मधुमेह तो कभी होगा हृदय रोग।
जीवन बन जायेगा एक वियोग।

जैसे जैसे बढ़ेगी उम्र, होगा डिमेंशिया
जीवन नर्क बन जायेगा जब साथ ना होगा पिया।

दादी की समस्याओं को महसूस कर है बताया।
फिक्र अपनी खुद करो, जिसने दूसरे के भरोसे बुढ़ापे का सोचा वो जीवन में बहुत पछताया।

अभी है शक्ति समय करो अच्छे आदतों का अभ्यास
ताकि बुढ़ापा जब आए, अनावश्यक समस्याएं ना आए पास।

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8 NOV 2024 AT 20:16

नहीं चेतेंगे तो उठानी पड़ेगी हानि।
क्योंकि जीवन भर बरकरार नहीं रहेगी जवानी।

कभी होगा मधुमेह तो कभी होगा हृदय रोग।
जीवन बन जायेगा एक वियोग।

जैसे जैसे बढ़ेगी उम्र, होगा डिमेंशिया
जीवन नर्क बन जायेगा जब साथ ना होगा पिया।

दादी की समस्याओं को महसूस कर है बताया।
फिक्र अपनी खुद करो, जिसने दूसरे के भरोसे बुढ़ापे का सोचा वो जीवन में बहुत पछताया।

अभी है शक्ति समय करो अच्छे आदतों का अभ्यास
ताकि बुढ़ापा जब आए, अनावश्यक समस्याएं ना आए पास।

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8 NOV 2024 AT 20:05

कट जाएगा जीवन का सफर
चाहे कितनी भी उलझनों से भरी हो डगर।

बस हर मोड में मेरे हाथों में तेरा हाथ हो।
जीत जाएंगे हम , जो तुम साथ हो।

धुंध में भी मुझको आस हैं
जो तू मेरे पास है।

होगा कुछ अच्छा आगे चलकर
मन में ये एहसास है।

बस हर मोड में मेरे हाथों में तेरा हाथ हो।
जीत जाएंगे हम, जो तुम साथ हो।


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