चलो चल के हम उसके हाल पूछे।
बीते उसके ये तीनों साल पूछे।
ख़ुदा का वास्ता देकर कहा वापस न आना,
सुना है दुखी है वो, चल के अब मलाल पूछे।
तभी तो रौब में मुझको बड़ा ग़लत कहा था,
चलो अब मेरे बारे में नया खयाल पूछे।।
मेरे प्रेम को झूठा भी कैसे कह दिया तुमने
तब तो चुप हम रह गए, अब ये मजाल पूछे।
मुझे कहती थी तुम वैसी मोहब्बत क्यों नहीं करते,
वो "वैसी" कैसी होती है, चलो मिसाल पूछे।
वो जिस रकीब के कारण मुझे बोली ख़ुदा हाफ़िज़,
वो उस रकीब में क्या था, चलो उसके भी कुछ कमाल पूछे।
मुझे तो इश्क़ है तुमसे, क्या तुमको भी है ऐसा कुछ,
और सब छोड़ कर चलो बस ये बवाल पूछे।
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