अभिनव शुक्ला   (Alok Raj)
511 Followers · 12 Following

read more
Joined 6 July 2020


read more
Joined 6 July 2020

तेरी गुस्ताख़ी भी अच्छी,
तेरी नादानी! क्या कहने।
तुझको देखे तो हंसे होंठ,
आंखों में पानी! क्या कहने।
तेरी बचपन की फोटो, वाह!
अब नई जवानी! क्या कहने।
कुछ नया कहो, वो भी बेहतर,
पर याद पुरानी! क्या कहने।

-



कोई तो हो इस वक्त हमारा दिल बहलाने को,
कोई तो हो बेचैन हमें भी पास बुलाने को।

कोई तो हो आंखों में मेरे आंसू बन कर के,
कोई तो हो मुझ जैसा मुझको भी समझाने को।

कोई तो हो जो सर्द हवाओं में आकर लिपटे,
कोई तो हो जि में मेरे यूं आग लगाने को।

कोई तो हो जो मुझसे मिलकर मुझ सा हो जाए,
कोई तो हो जो ठुकरा दे बस एक ठिकाने को।

कोई तो हो जो करे रास गैरों से भी लेकिन
ख़्वाब हमेशा एक के हों जो रहे सिरहाने को।

कोई तो हो जो खड़े रहे ऊंचे गर्दन कर के,
कोई तो हो मुझसे आंखों में आँख मिलाने को।।

-



चलो चल के हम उसके हाल पूछे।
बीते उसके ये तीनों साल पूछे।

ख़ुदा का वास्ता देकर कहा वापस न आना,
सुना है दुखी है वो, चल के अब मलाल पूछे।

तभी तो रौब में मुझको बड़ा ग़लत कहा था,
चलो अब मेरे बारे में नया खयाल पूछे।।

मेरे प्रेम को झूठा भी कैसे कह दिया तुमने
तब तो चुप हम रह गए, अब ये मजाल पूछे।

मुझे कहती थी तुम वैसी मोहब्बत क्यों नहीं करते,
वो "वैसी" कैसी होती है, चलो मिसाल पूछे।

वो जिस रकीब के कारण मुझे बोली ख़ुदा हाफ़िज़,
वो उस रकीब में क्या था, चलो उसके भी कुछ कमाल पूछे।

मुझे तो इश्क़ है तुमसे, क्या तुमको भी है ऐसा कुछ,
और सब छोड़ कर चलो बस ये बवाल पूछे।

-



वो आज भी पहले के तरह मासूम लग रही थी,
वो आज भी किसी के दिल से खेल कर आयि है!!

-



वो अपना भाई होता है, वो अपना जान होता है।
कभी दानव वो बन जाता कभी भगवान् होता है।

कभी उसके बिना दुनिया अधूरी लगने लगती है।
कभी मिल जाए तो ये सांसे पूरी लगने लगती है।

किसी से ना हुआ हो वैसा उससे प्यार होता है।
बड़ी मुश्किल से अपने पास ऐसा यार होता है।।

-



तेरे जाने का ग़म तो आज भी है,
तुझपे मगर अब नाज़ भी है।
मोहब्बत की तो जी भर की,
जो बिछड़ी तो ना फ़िर देखी।
तू औरों की तरह मन-फेर वाली है नहीं।
वादों के संग्रह-ढेर वाली है नहीं।।
तेरे भीतर है साहस, तेरे भीतर लाज़ भी है।
तेरे जाने का ग़म तो आज भी है।।

-



है अगर तू वक़्त ही तो ये बता,
तू इधर से गुज़र कर चलता कहां है।
जब कभी भी वेग तेरी तीव्र होती है,
आगे जाकर तू बता, संभलता कहां है।

-



वो अजनबी बूढ़ी जो स्टेशन पे बैठी थीं,
मैं उनको प्यार से देखा तो आंखे भर गईं उनकी।
मैं 'दादी' जो कहा उनको, लगी रोने वो फुट-फुट के,
मेरे माथे पे दोनों हांथ फ़िर ठहर गए उनके।।




-



लगा मुझको ये दिल बेचैन थोड़ा,
लगा की सांसे थोड़ी थम रही हैं।
लगा की होंठ के थिरकन बढ़े हैं,
लगा की आंखें थोड़ी नम रहीं हैं।
मगर जब हिचकियां आयीं तो समझा,
वो फ़िर से खा मेरी कसम रही है।।

-



कई अरमान दिल में पल रहे हैं,
कई ख्वाहिश वहां से जा रहीं हैं।
कई यादें तुम्हारी ज़ख्म देते,
कई उम्मीदें दवा लगा रहीं हैं।



-


Fetching अभिनव शुक्ला Quotes