राम तपस्वी राम तेजस्वी और कृपालु जन हैं राम।
मर्यादा पुरुषोत्तम हैं वो जग मे प्यारे सबसे राम।।
जग के पालनहार वही हैं कौशल्या जने सबके राम।
सूर्यवंश के गौरव हैं वो दशरथ के नंदन है राम।।
सत्य आहिंसा नीति वीर वह रघु कुल दीपक राजा राम।
और प्रजा को सबसे प्यारे सब मे श्रेष्ट शाश्वत राम।।
निष्ठा अनुशासन प्रिय वह कड़े परिश्रमी योगी राम।
प्रेम की धारा बहती जिसमे है ऐसे जितक्रोधी राम।।
सर्वगुण सम्पन्न सदैव ही जनक नंदनी सिया के राम।
गृहत्यागी बन चले विपिन मे कैकयी के अज्ञाकारी राम।।
सदाचार व कृतज्ञ हमेशा हैं सर्वोत्तम सबमे राम।
परम कृपालु परम पूज्य वह जग में सर्वतीर्थमय राम।।
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