कुछ बूंदों ने ऐसा भिगोया ,रात न जाने सुबह हो गयी ,खामोशी के पलड़े मे बैठी थी ,दरवाजे की दस्तक सोने लगी । -
कुछ बूंदों ने ऐसा भिगोया ,रात न जाने सुबह हो गयी ,खामोशी के पलड़े मे बैठी थी ,दरवाजे की दस्तक सोने लगी ।
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"बचपन" जिसका कोई अल्प विराम नही होता । -
"बचपन" जिसका कोई अल्प विराम नही होता ।
शय मिली , न मात ,न बिछी शतरंज की चाल ,हम हार बैठे दिल ,उसकी चाल पर । -
शय मिली , न मात ,न बिछी शतरंज की चाल ,हम हार बैठे दिल ,उसकी चाल पर ।
मेरे दिल की मिट्टी हो गयी हो ,जिन्हें कंधो का सहारा नही ,तुम्हारी नफ़रत ही काफी है । -
मेरे दिल की मिट्टी हो गयी हो ,जिन्हें कंधो का सहारा नही ,तुम्हारी नफ़रत ही काफी है ।
समय गुजर नही रहा था ,उसे भी पेपर की याद न थी ,जब आया तो समय भी स्वर्गवास हो गया । -
समय गुजर नही रहा था ,उसे भी पेपर की याद न थी ,जब आया तो समय भी स्वर्गवास हो गया ।
बातों का जुमला , गुलदस्ता हो गया ,इन आँखों को देख कर प्यार हो गया । -
बातों का जुमला , गुलदस्ता हो गया ,इन आँखों को देख कर प्यार हो गया ।
भूल गए वो दिन ,जब हम भी प्यार करते थे ,उनकी आँखों को देख के ,सब कुछ बयां कर लेते थे । -
भूल गए वो दिन ,जब हम भी प्यार करते थे ,उनकी आँखों को देख के ,सब कुछ बयां कर लेते थे ।
जिंदगी के पहलू बने जा रहे है ,पराये भी अपने बने जा रहे है । -
जिंदगी के पहलू बने जा रहे है ,पराये भी अपने बने जा रहे है ।
शाम हुई , शराब हुई ,मैखाने में , रात हुई ,उसकी यादों के सहारे ,जिंदगी बेहाल हुई । -
शाम हुई , शराब हुई ,मैखाने में , रात हुई ,उसकी यादों के सहारे ,जिंदगी बेहाल हुई ।
सपने अच्छे लगते है ,जब समय से पूरे हो ,सच्चे तभी लगते है ,जब उम्र से पूरे हो । -
सपने अच्छे लगते है ,जब समय से पूरे हो ,सच्चे तभी लगते है ,जब उम्र से पूरे हो ।