कुछ बूंदों ने ऐसा भिगोया ,
रात न जाने सुबह हो गयी ,
खामोशी के पलड़े मे बैठी थी ,
दरवाजे की दस्तक सोने लगी ।-
Abhinav Yadav
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Joined 3 July 2021
5 JUN 2022 AT 8:29
4 JUN 2022 AT 22:15
शय मिली , न मात ,
न बिछी शतरंज की चाल ,
हम हार बैठे दिल ,
उसकी चाल पर ।-
16 JAN 2022 AT 0:31
मेरे दिल की मिट्टी हो गयी हो ,
जिन्हें कंधो का सहारा नही ,
तुम्हारी नफ़रत ही काफी है ।-
25 DEC 2021 AT 0:35
समय गुजर नही रहा था ,
उसे भी पेपर की याद न थी ,
जब आया तो समय भी स्वर्गवास हो गया ।-
19 DEC 2021 AT 17:49
बातों का जुमला , गुलदस्ता हो गया ,
इन आँखों को देख कर प्यार हो गया ।-
18 DEC 2021 AT 19:27
भूल गए वो दिन ,
जब हम भी प्यार करते थे ,
उनकी आँखों को देख के ,
सब कुछ बयां कर लेते थे ।-
16 DEC 2021 AT 22:47
शाम हुई , शराब हुई ,
मैखाने में , रात हुई ,
उसकी यादों के सहारे ,
जिंदगी बेहाल हुई ।-
16 DEC 2021 AT 12:02
सपने अच्छे लगते है ,
जब समय से पूरे हो ,
सच्चे तभी लगते है ,
जब उम्र से पूरे हो ।-