तुम नाराज , मत होना ! जाना
मै ले जाऊंगा तुम्हे तुम्हारे शहर के बाजारों में
जहां झुमके तुम्हारी पसंद के मिलते है.....-
Abhinav Gupta
(Abhinav Gupta)
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A lover of timeless elegance and refined aesthetics.Finding inspiration in the grandeur an... read more
Joined 29 September 2017
7 JUN AT 14:18
29 MAY AT 11:09
क्या आपको मालूम है
जब जब याद करते हो आप हमे
आपकी खबर लेकर
हिचकी चली आती है मेरे पास
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28 MAY AT 14:35
एक ये डर है कि कोई ज़ख्म न देख ले मेरे,
एक ये ख़्वाहिश है कि कोई देखने वाला होता...-
28 MAY AT 14:33
और फिर जिन्हें कभी किसी से प्रेम नहीं मिला
वो खुद प्रेम की एक अविरल धारा बन गए
ताकि कोई और उन जैसा कष्ट न भोगे-
28 MAY AT 14:31
प्रेम ओर परिवार त्यागने का सामर्थ्य केवल, स्त्रियों में हैं।
शायद इसलिए स्त्रियां सुसराल जाती है, पुरुष नहीं-
28 MAY AT 0:22
किसी भी प्रकार का समाज प्रेम का विरोधी नहीं है
समाज बस चाहता है की प्रताड़ित करने वाला अपने समाज का हों-
28 MAY AT 0:18
जिस पिता , परिवार ओर समाज का बहाना बनाकर स्त्रियां छोड़ कर चली जाती है
असल में उस पिता , परिवार और समाज को खबर ही नही होती हमारे रिश्ते की
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28 MAY AT 0:14
और अंत में , मैं वही लड़का बन गया
जिसकी संगत में रहकर, लड़के बिगड़ जाते है-