#तलभ इतनी कि जमाने से लड़ जाऊ,,,
पा लू उसे या फिर जिद मे ही मर जाऊ....
#छमता इतनी कि सामने आ जाय वो
तो इक शब्द भी जुबा से ना कह पाउ,,,,,
#जलन इतनी कि कोई देख भी ले गर उसे
तो इक पल भी चैन से न रह पाउ,,,,,
#मोहब्बत इतनी कि वो चाहे भी कुछ
तो बिन दिये भी ना रह पाउ,,,,,,
#मेरी_आशिक़ी भी ऐसी कि
मेरे मेहबूब को उसके मेहबूब से मिलाउ....
लड़ जाऊ सारे जमाने से अकेला
फिर चाहे मै मर ही क्यों न जाऊ।।
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