सुनों न....
अपनी नथनी से कहों कि हद में रहें.!
यूँ किसी की अमानत ..होंठों को चुमना अच्छी बात नहीं..!!-
बहादुर मौत का स्वाद और कभी नहीं बस एक बार चखते ... read more
माँ घर का गौरव तो पिता घर का अस्तित्व होते हैं,
माँ के पास अश्रुधारा तो पिता के पास संयम होता है,
दोनों समय का भोजन माँ बनाती है
तो जीवन भर भोजन की व्यवस्था करने वाले पिता होते हैं
कभी चोट लगे तो मुंह से 'ओह माँ' निकलता है
रास्ता पार करते वक़्त कोई ट्रक पास आकर ब्रेक लगाये तो 'बाप रे' ही निकलता है,
क्यूं कि छोटे छोटे संकट के लिये माँ याद आती है
मगर बड़े संकट के वक़्त पिता याद आते हैं.
पिता एक वट वृक्ष है जिसकी शीतल छांव में,
सम्पूर्ण परिवार सुख से रहता है। पितृ दिवस के अवसर पर मेरा पूज्य पिता को शत शत नमन ! 🙏🙏
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क़ायम रहे ख़ुदा पे वो ईमान मुबारक़
ईमान मुक़म्मल हो ये अरमान मुबारक़ दिल-ज़िस्म-रूह पाक रहे दौर-ए इबादत
अल्लाह के बन्दों को हो रमज़ान मुबारक़-
मैं तुम्हे एक नज़र देखना चाहता हूँ,
इससे पहले की शहर में फिर लॉकडाउन लग जाये,
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आएंगे मिलने तेरे शहर में हम पर...
तेरे शहर को पहले पटना होना होगा....-
मैं बुमराह की योरकर कोई
तुम धोनी का हेलीकॉप्टर शॉट प्रिय ,,
मैं कोका कोला से ठंडा तुम
चाय सी बिल्कुल हॉट प्रिय ।।-
ना किसी से शिकायत है ना अनबन है,,
बस कुछ दिन अकेले चलने का मन है।।-
मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ
एक जंगल है तेरी आँखों में मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ ।
तू किसी रेल-सी गुज़रती है मैं किसी पुल-सा थरथराता हूँ, हर तरफ़ ऐतराज़ होता है मैं अगर रौशनी में आता हूँ।एक बाजू उखड़ गया जबसे और ज़्यादा वज़न उठाता हूँ, मैं तुझे भूलने की कोशिश में आज कितने क़रीब पाता हूँ ।कौन ये फ़ासला निभाएगा मैं
फ़रिश्ता हूँ सच बताता हूँ।
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कोशिशें सारी करी के ख़ुश रहा जाए
पर तेरे बिना जो अधूरापन है
उसका क्या किया जाए
मर भी जाए तो कायर कहा जाए
ओर जिंदा भी रहे तो अब कैसे रहा जाए💔💔-