abhinash rjoria   (अभिनाश)
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Joined 10 November 2018


Joined 10 November 2018
4 MAR AT 22:17

बिना किसी भेदभाव के थाम लिया गया
इक कामयाब पुरुष का हाथ, मगर
कामयाब स्त्री का हाथ थाम लेने वाले को
बेकार बताया गया ।
बेसहारा स्त्री को बिस्तर पर सुलाने का
देख ख्वाब सबने, मगर
जिसने की हिम्मत साथ निभाने की, उसे
समाज का गुनहगार बताया गया ।।

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22 FEB AT 0:09

कोई मोहब्बत जताने के तरीके सिखाए हमें,
किसी रूठे को मनाने के तरीके बताए हमें,
बहुत अपनों को खो दिया लापरवाही के चलते,
कोई रिश्ते निभाने के तरीके सिखाए हमें ।।

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13 DEC 2024 AT 0:04

मैं जिस दिल में घर की उम्मीद लगाए बैठा था,
उस दिल का चौकीदार कोई और था ।
उससे जिन खुशियों की उम्मीद लगाए बैठा था,
उनका असली हकदार कोई और था ।
और ये हंसी, ये मज़ाक, ये बातें,
महज़ हेराफेरी थी लफ्जों की,
मैं जिससे प्यार की उम्मीद लगाए बैठा था
दरअसल उसका " प्यार " कोई और था ।।

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12 MAR 2024 AT 2:32



तन्हाई आदत से शौंक में तब्दील हो रही है
असर उसका, जिंदगी में इस कदर दिखता है
मैं मेरे साए से भी घबरा जाता हूं अब
मुझे आईने में भी अब दर दिखता है ।।

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20 JAN 2024 AT 0:39

जाने क्यों फिर से उम्मीद–ए–मोहब्बत जैसा गुनाह करने लगे हैं
इस दौर–ए–तन्हाई में हम खुद को और तन्हा करने लगे हैं

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27 DEC 2023 AT 14:00

मैं सब कुछ जान कर भी न लगा सका इल्जाम उस पर,
उसने सब कुछ जानते हुए भी कर दिया बदनाम मुझे ।।

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21 NOV 2023 AT 1:04

तेरे मनघड़ंत अजीब सवालों के लिए
तैयार हर तरह का जवाब कर रखा था ।
इस उम्मीद में, की तुम पूछेगी मुझसे,
मैंने खुद का हाल खराब कर रखा था ।

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15 NOV 2023 AT 0:49

"क्या ही बिगड़ा है" अब तक इसी सोच में था मैं, मगर
मेरे हालातों का असर अब कुछ–कुछ समझ आने लगा है
के,जो शख्स गले मिल रहा था बाहें फैला कर कल तक
आज वो देख कर मुझे मुझ ही से नज़रें चुराने लगा है ।

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20 OCT 2023 AT 1:39

सच को सच साबित करने के लिए
मुझे झूठा होना पड़ रहा है
दुख में हूं सब जानते हैं यहां
फिर भी घुट कर रोना पड़ रहा है !
और,
ये किस्मत ने कैसा खेल खेला है
मेरे साथ मुझे मालूम नही,
की, अरसा लगा था जिसे पाने में,
उसे इतनी जल्दी खोना पड़ रहा है !!

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14 OCT 2023 AT 1:50

दिन निकल जाता हैं जैसे तैसे
फिक्र रहती है तो बस रात की,
देख कर आईना कहते हैं रोज
बस में हो तो ले–लें जां आप की ।
जाने कितने बदनसीब हो तुम
के तुम्हे तो मौत भी नही आती,
तुम्हारे ही एक गलत फैसले ने
रौंद डाली है इज्जत मां–बाप की ।।

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