आज बैठा हूँ उसी कब्र के सिरहाने,जिसपर किसी का नाम नहीं, हाँ...दोनों की गुमनामी में, कोलाहल है! - ©Abhilekh
आज बैठा हूँ उसी कब्र के सिरहाने,जिसपर किसी का नाम नहीं, हाँ...दोनों की गुमनामी में, कोलाहल है!
- ©Abhilekh