काश, आप बिना कहे ही मुझे समझ जाते,
बिना दिखाए मेरे आंँसू देख लेते,
बिना बुलाए मेरे पास चले आते,
बिना कहे मुझे गले से लगा लेते,
बिना कराह के ही मेरा दर्द समझ लेते,
बिना जताए मेरा गुस्सा देख लेते,
बिना मन के ही आप मुझे प्यार कर लेते,
बिना दिखाए मेरा अकेलापन महसूस कर लेते,
इतनी सी ही तो तमन्ना है मेरी,
काश, आप मेरी ये तमन्ना पूरी कर देते।
काश!!!!!
ऐ काश!!!!!!-
तुम मुझसे ईर्ष्या कर जल कर खाक होते रहो,
मैं तो दीए की बाती की तरह जल कर सबको और तुम्हें भी रौशनी देती रहूंगी।।-
रखें हैं तेरे खत,
दिल की तिजोरी में संभाल के......
जो खुल गई तिजोरी,
ऐ जालिम........
ना जाने क्या इश्के हाल होगा!!!!!!-
मैं शब्दो के धागे पिरोती हूंँ,
तुम मजबूत कड़ी बनना,
आंँखों में प्यार भरकर,
मैं सपने नए संजोती हूंँ।
मैं सीता,तुम राम बनना,
तुम शिवमैं पार्वती,
जगमग सारा संसार होगा,
मिलेंगे जब हम बन प्रेम की ज्योति।-
वह हैं सृष्टि के रचयिता,
शिल्प जिनके हाथों में,
वह है महान विज्ञान के ज्ञाता,
प्रेम जिनके मन में।
सत्रह सितंबर को हम सब,
उनका दिवस मनाते हैं,
हर हाथ में हुनर हो कोई,
ये ही प्रार्थना करते हैं।
सबको सीखना चाहिए कोई काम,
नहीं करो तुम बैठ कर आराम,
हुनर जब कोई सीख जाओगे,
सारे जग में पूजे जाओगे।
विश्वकर्मा जी का ध्यान करोगे,
पढ़ाई के साथ कोई हुनर भी सीखोगे,
कल पूरजों का अगर होगा ज्ञान,
सब देंगे तुमको खूब सम्मान।
सकल सृष्टि के कर्ता,
रक्षक तुम, श्रुति धर्मा,
महान शिल्पकार तुम,
जय विश्वकर्मा, जय विश्वकर्मा।-
व्रत तीज का....
व्रत पति के प्यार का....
पैरों में महावर...
ऊँगलियों में बिछिया...
हाथों में भरी भरी चूड़ियांँ...
दिलों में गीत का अंबार!!!!
व्रत तीज का...
नाक में नथनी...
मांग में टीका...
माथे की बिंदिया चमके ऐसे...
जैसे पिया जी का प्यार!!!!
व्रत तीज का...
हाथ लाल मेहंदी से...
मांग लाल सिंदूर से...
लाल चुनर देह पर...
लहर लहर जाए ऐसे...
जैसे बहे पुरवा बयार!!!!
व्रत तीज का...
थाली पूजा की सजाऊं...
थाली आरती की सजाऊं...
दीप जलाऊं...
मंगल गीत गाऊं...
चमके चारों तरफ..
गूंजे हर दिशा..
दिखे आठों पहर..
मेरे पिया जी का प्यार..
मेरे पिया जी का प्यार!!!!-
आज तक मैं जिससे भी मिली,
सबसे कुछ ना कुछ सीखा,
किसी ने दोस्ती सिखाई,
किसी ने परिवार के साथ रहना सिखाया,
कुछ लोगों ने मेरा साथ छोड़ दिया,
साथ छोड़कर भी उन्होंने बहुत कुछ सिखाया,
मैंने जिनसे,जो भी सीखा,
मेरे जीवन में आने वाले,
सभी लोग और
मुझे बहुत सारी बातें सिखाने वाले,
वे सभी मेरे गुरु हैं।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।-
शिक्षक.........
अज्ञान के अंधेरे को चीरकर,
ज्ञान का प्रकाश फैलाता,
सत्य असत्य का भेद सिखाता,
अहंकार का नाश करता,
उदारता हमारे मन में भरता,
दुर्भावनाओं की जड़ें काटता,
अंतर्मन का ज्ञान से श्रृंगार करता,
हमारे व्यक्तित्व को निखारता,
नई सोच, नई ऊर्जा भरता,
जीवन जीने का महत्व बताता,
मांँ शारदे की सच्ची सेवा करता,
हमें भी साधना के गुर सिखाता,
धैर्य धरकर धीरज सिखाता,
बुराइयों का नाश करता,
ज्ञान चक्षु का विस्तार करता,
हमारी गलतियों को क्षमा दान देता,
माता पिता, ईश्वर से भी ऊपर,
जगत में गुरु का स्थान होता।-
त्योहार राखी का,
साल भर इंतजार रहे,
इस पावन त्योहार का,
मन में उल्लास रहे,
त्योहार राखी का।
भईया, तुम बहुत याद आते हो,
राखी का बंधन याद आता है,
भाई की उम्र लंबी हो,
भाई बहन का प्यार बना रहे,
यही तो मतलब है,
त्योहार राखी का।
सावन के झूले, मायके की याद,
भाई भाभी के प्रेम से बंधा,
बहना के प्यार का,
त्योहार राखी का,
वर्षा की फुहार, भईया की कलाई,
इंतजार राखी का।
अब तो मायके वैसे छूटा,
जैसे मुट्ठी से रेत,
मायके वैसे छूटा,
जैसे स्टेशन से रेल,
नहीं गई मायके अबकी बार,
भेजा है डाक से,
प्यार राखी का,
त्योहार राखी का।-
राखी का आया है त्योहार,
भैया, तुम पर मैं सब कुछ दूंगी वार,
रेशम की डोर की लाज निभाना,
मेरे भइया मुझे भूल ना जाना।
कम ही दिन की गौरेया हूँ,
मैं तेरे अंगना की भैया,
जाने कब मैं उड़कर,
घर चली जाऊं सजना के भैया।
वहाँ भी मैं तुझको याद करूंगी,
राखी के दिन मायके आऊंगी,
जो ना मैं आ सकी भैया,
तुम्हारे आने का इंतजार करूंगी।
देना ना कोई उपहार मुझे,
ना पैसे ना कोई गहना,
इज्जत बचाना सब लड़कियों की,
हो चाहे वो किसी की बहना।
राखी की लाज तुम सदा निभाना,
चाहे तुम रहो किसी भी हाल में,
अपनी बहना की करुण पुकार पर,
भैया,तुम दौड़ चले आना।
मेरी रक्षा की ही तरह तुम भैया,
भारत मां की भी रक्षा करना,
चाहे कितने भी दूर रहो पर,
सदा हम बहनों के दिल में रहना।
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