Abhilash Sharma   (अभिलाष)
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रावनभक्त🙏
लेखक..💗
इश्क़ का मरीज़❤️
💗लिख दो जज़्बातों को💗
Joined 27 September 2018


रावनभक्त🙏
लेखक..💗
इश्क़ का मरीज़❤️
💗लिख दो जज़्बातों को💗
Joined 27 September 2018
2 FEB AT 14:37

चलो अबकी फ़रवरी प्यार का इजहार करले,
कहो तो तुम्हारे दिल से लिंक अपना आधार करले!

नखरों की GST दर, अब कम कर लो तुम,
पुराने नोट इश्क के फर्जी थे, नए वालो से कारोबार करले!

और अब खर्चा भी चला ही लेंगे अपनी गृहस्थी का,
तुम पकोड़े तल लेना, हम चाय को अपना रोजगार करले!

और छोड़ो ये डरना अब तुम दुनिया से जान मेरी,
"विकास" होगा हमारा, सबसे अलग अपना संसार करले!!

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20 DEC 2021 AT 17:38

मैं खाली किसी लोटे सा, तु कल-कल बहती जल प्रिये,
मैं मेहनत के वर्तमान सा, तु आने वाला सुनहरा कल प्रिये...

मैं जीवन की भागदौड़ तो, तु परिवार संग बीता पल प्रिये,
मैं युद्ध मे किसी अर्जुन सा, तु कान्हा कोई छल प्रिये.. ❤

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24 OCT 2021 AT 12:59

तुझे नूर लिखू या नज़रों से दूर लिखू,
या लिखदु सिर के गुरूर की तरह,
तुझे साँस लिखू या दिल के पास लिखू,
या लिखदु अहसासो के सुरूर की तरह..

बस लिखू ऐसा, जैसी बाते तेरी सारी लगती हैं,
एक तु ही तो हैं पागल लड़की जो मुझे खुद से भी ज्यादा प्यारी लगती हैं ❤❤

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15 OCT 2021 AT 16:34

कद्र पुराने रिश्तों और लोगों की कुछ यु
कम होने लगी,
नए अखबार के आते ही पुराने खुद ब खुद रद्दी होते चले गए!!

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12 SEP 2021 AT 23:04

सादगी बिकती है यहाँ, कौड़ियों के दाम,
और दिखावे के मेलो पे, लाखों खर्च किये जाते है!!

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1 AUG 2021 AT 23:06

बरसात क्या होने लगी शहर मे कुछ दिन से,
लोगो ने लोगो के प्रयासो पर पानी फेर दिया....

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2 MAY 2020 AT 23:54

तुम महसूस कर सको तो यार क्या लिखू
एक ही इश्क़ है, बार बार क्या लिखू,
जाने अनजाने बस तुम्हे ही कहता रहा,
तुम ही बताओ तुम्हे हर बार क्या लिखू...!!

आज लिखने हैं आँसू, थोड़ी भूख लिखनी हैं,
बेबस माँओ का दर्द पिघलाती धूप लिखनी है,
वो जो बेकार स्वाद का खाना फेंका था ना,
उसके कतरे को तरसती बच्चे की रूह लिखनी हैं...!!

लिखना है कैसे तरसा हू उगता सूरज देखने को,
बेखौफ फिर से यारों संग, उगती धूप सेंकने को,
लिखना हैं कितना याद आता है वो घर का वो आँगन,
कितना अप्रत्याशित रह गया बंद कमरो मे जीवन...!!

जिंदा रहने की खुशी थोड़ा आभार मै लिखू,
नही शिकायत, पर हो सके तो प्यार मैं लिखू,
छोटे बन कर जिये, पर अब छोटे ना रहे,
सबके लिए उम्मीद, सबका प्यार मैं लिखू...!!

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23 MAR 2020 AT 8:51

कितने झूले थे फंदे पर,
कितनो ने गोली खायी थी,,


क्यू झुठ बोलते हो साहब...
कि चरखे से आजादी आयी थी।।।

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8 MAR 2020 AT 19:33

युद्ध भले पुरुष लडे़ पर
जीती हमेशा नारी है,

सॉवरिया के छप्पन भोग पर
एक तुलसी ही भारी है!!

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27 FEB 2020 AT 12:44

भारत की फ़िजाओ मे, तुम याद थे, याद हो, और याद रहोगे,
तुम चंद्रशेखर आजाद थे, आज़ाद हो, और आज़ाद ही रहोगे🙏🙏

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